शुभ मुहूर्त में करें घट स्थापना, मनोवांछित फल मिलेगा

नवरात्र गुरुवार से शुरू हो रहा है। श्रद्धालु घट स्थापना शुभ मुहूर्त में करें।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 12:59 AM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 12:59 AM (IST)
शुभ मुहूर्त में करें घट स्थापना, मनोवांछित फल मिलेगा
शुभ मुहूर्त में करें घट स्थापना, मनोवांछित फल मिलेगा

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : त्याग, साधना की प्रतीक शारदीय नवरात्रि गुरुवार को प्रतिपदा तिथि से आरंभ हो जाएगी। षष्ठी तिथि हानि होने के कारण नवरात्रि आठ दिनों की रहेगी। सनातन धर्मावलंबी संगम, गंगा व यमुना के पवित्र जल में स्नान करने के बाद घरों में घट (कलश) की स्थापना करके मां भगवती के शैलपुत्री स्वरूप का पूजन करेंगे। मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करके मइया की भक्ति में लीन रहेंगे। धार्मिक मान्यता है कि नवरात्र का व्रत रखकर साधना करने वालों के अंदर व्याप्त काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार जैसे शत्रुओं का शमन करके मां भगवती वैभव, यश-कीर्ति प्रदान करती हैं।

मां भगवती पालकी पर सवार होकर आएंगी। सनातन धर्म के मर्मज्ञ इसे शुभ संकेत बता रहे हैं। मइया के पालकी पर आने से समाज में नारी का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। फसल अच्छी होगी, जिससे धन-धान्य व समृद्धि बढ़ेगी। ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार प्रतिप्रदा तिथि गुरुवार की दोपहर 3.28 बजे तक है, जबकि 3.29 बजे से द्वितीया तिथि लग जाएगी। ऐसी स्थिति में कलश स्थापना तीन बजे से पहले करना उचित रहेगा। घट स्थापना का अभिजीत मुहूर्त दिन में 11.37 से 12.23 बजे तक है। बताते हैं कि 11 अक्टूबर सोमवार की सुबह 6.21 बजे तक पंचमी तिथि है, जबकि सूर्योदय 6.17 बजे होगा। इससे षष्ठी तिथि का प्रभाव दिनभर रहेगा। वहीं, सुबह 6.22 बजे से सप्तमी तिथि लगकर मंगलवार की भोर 4.05 बजे तक रहेगी। इसके मद्देनजर 11 अक्टूबर को मइया के षष्ठी व सप्तमी स्वरूप का पूजन होगा। ----------- निष्काम भाव से करें मां की साधना पराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार मां भगवती निष्काम भाव, पवित्र तन व मन से करनी चाहिए। व्रती साधक को क्रोध व लोभ नहीं करना चाहिए। उन्हें कन्या, माता, पिता और ब्राह्मणों का सम्मान करते हुए दीन-दुखियों की सेवा करनी चाहिए। मां को अर्पित होने सामग्री का चयन सावधानीपूर्वक करना चाहिए। कामना के अनुरूप अर्पित सामग्री भक्तों की मनोकामना पूरी करने में सहायक होती है। पूजन सामग्री का महत्व -रोली से रक्त विकार दूर होता है। -अक्षत से धन की वृद्धि। -लाल फल से प्रसन्नता व प्रतिष्ठा की प्राप्ति। -अखंड ज्योति जलाने से ज्ञान की वृद्धि। -लौंग व इलायची से रोग से मुक्ति। -नारियल से सर्वगुण संपन्नता की प्राप्ति। -कपूर से आयु में वृद्धि। -पंचामृत से मनोकामना पूर्ति एवं मिष्ठान अर्पण से आरोग्यता आती है।

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