Coronavirus : होम क्वारंटाइन हुए लोगों का बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण बनी कठिन चुनौती Prayagraj News
कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच आइसोलेशन वार्ड और क्वारंटाइन सेंटर के वेस्ट का निस्तारण तो दो एजेंसियां कर रही हैं। समस्या आने वाले दिनों में वेस्ट को निस्तारित करने की बढ़ेगी।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा होने पर अब संदिग्ध लोगों को होम क्वारंटाइन किया जाएगा। इसकी तैयारी चल रही है। अभी लोगों को एहतियातन होम क्वारंटाइन किया जा रहा है। आइसोलेशन वार्ड और क्वारंटाइन सेंटरों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट कोविड-19 का निस्तारण दो एजेंसियां कर रही हैं। वहीं होम क्वारंटाइन लोगों का बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण करना कठिन चुनौती होगा।
रोजाना 80-90 किलो बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारित हो रहा है
अभी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देश के अनुसार आइसोलेशन वार्ड और क्वारंटाइन सेंटर से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को थ्री लेयर बैग में रखा जा रहा है। जैसे ही वेस्ट इकट्ठा होता है तो तत्काल बैग को बांधकर इसकी जानकारी वेस्ट निस्तारण करने वाली एजेंसी को दी जाती है। एजेंसी की गाड़ी वेस्ट को लेकर तुरंत प्लांट जाती है। वहां पर बैग को चैंबर में डालकर जला दिया जाता है। इस समय रोजाना 80 से 90 किलो बायो मेडिकल वेस्ट को सुरक्षित तरीके से निस्तारित कराया जा रहा है।
सबसे बड़ी समस्या सुरक्षा को लेकर आएगी
अब समस्या होम क्वारंटाइन लोगों के बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर बढ़ेगी। हालांकि तैयारी यह है कि जो व्यक्ति होम क्वारंटाइन होगा उसे एक लाइनर बैग दिया जाएगा, जिसमें वह वेस्ट डालेगा। जब बैग भर जाएगा तो इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देगा और उसके बाद कोविड-19 वेस्ट का निस्तारण करने वाली एजेंसी बैग को लेकर प्लांट में ले जाकर निस्तारित करेगी। इससे सबसे बड़ी समस्या सुरक्षा को लेकर आएगी। क्योंकि अस्तपाल और क्वारंटाइन सेंटर में बायो मेडिकल वेस्ट को मानकों के अनुसार बैग में सुरक्षित रखा जाता है। घर से जो वेस्ट मिलेगा, उसको लेकर शंका रहेगी। अगर संदिग्ध व्यक्ति वेस्ट को साधारण कूड़े के साथ फेंक देगा तो संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाएगा।
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने कहा
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रयागराज के क्षेत्रीय अधिकारी जेबी सिंह का कहना है कि प्रयागराज में अभी रोजाना 80 से 90 किलो कोविड-19 वेस्ट निकल रहा है। उसका सीपीसीबी की गाइड लाइन के अनुसार निस्तारण हो रहा है। अभी तक कहीं पर लापरवाही का कोई मामला सामने नहीं आया है। होम क्वारंटाइन लोगों का बायो मेडिकल वेस्ट भी मानकों के अनुसार निस्तारित कराया जाएगा।
निगम कर्मियों को पीपीई किट और फेस शील्ड
अभी तक आइसोलेशन वार्ड और क्वारंटाइन सेंटरों में नीले और हरे डस्टबीन में कोविड-19 का वेस्ट रखा जाता था। अब इसके लिए नगर निगम ने पीले रंग का अलग डस्टबीन रखवा दिया है, ताकि सफाईकर्मी डस्टबीन देखकर उसे तुरंत पहचान लें। इसके अलावा कूड़ा उठाने वाले निगम कर्मियों को पीपीई किट और फेस शील्ड दी जा रही है ताकि संक्रमण से अधिक-से-अधिक बचाव हो सके।
बारिश का सीजन शुरू होने से पहले नालों की सफाई
बारिश के दौरान जलभराव न हो, कूड़ा नालियों और नालों को चोक न करे इसके लिए नगर निगम तेजी से नालों और नालियों की सफाई करवा रहा है। 250 नालियों की एक बार सफाई हो चुकी है। 181 नालों की सफाई 10 जून से पहले करने का लक्ष्य है। इसके लिए मशीनें और अतिरिक्त कर्मियों को लगाया गया है।
बोले, नगर आयुक्त रवि रंजन
नगर आयुक्त रवि रंजन का कहना है कि नालों की सफाई से लेकर कूड़े में फेंके जा रहे मास्ट आदि का निस्तारण गंभीरतापूर्वक कराया जा रहा है। अभी जितना भी कोविड-19 का बायो मेडिकल वेस्ट निकल रहा है। उसका सीपीसीबी की गाइडलाइन के अनुसार निस्तारण हो रहा है।