Allahabad High Court में केंद्र सरकार के मुकदमों के आवंटन में मनमानी से अधिवक्ताओं में नाराजगी
सरकारी वकीलों की शिकायत है कि नोटिस लेने के हफ्तों बाद फाइल बांटी जा रही है। कई बार केस कोर्ट में सूचीबद्ध होने के दिन दिया जाता है जबकि पहले नोटिस लेने के दूसरे दिन आवंटित होकर वितरित कर दी जाती थी।
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के मुकदमों की बंदरबांट को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। केस आवंटन की मनमानी के कारण आये दिन अपर सालिसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह को कोर्ट में हाजिर होकर फजीहत झेलनी पड़ रही है। अपर सालिसिटर जनरल का कहना है कि वह नोटिस लेने के दिन ही केंद्र सरकार के पैनल अधिवक्ताओं को केस आवंटित कर देते हैं, लेकिन स्टाफ का कहना है कि उन्हें एएसजीआइ से जैसा आदेश मिलता है, उसका पालन करते हैं।
नोटिस लेने के हफ्तों बाद फाइल बांटी जा रही है
सरकारी वकीलों की शिकायत है कि नोटिस लेने के हफ्तों बाद फाइल बांटी जा रही है। कई बार केस कोर्ट में सूचीबद्ध होने के दिन दिया जाता है, जबकि पहले नोटिस लेने के दूसरे दिन आवंटित होकर वितरित कर दी जाती थी। केंद्र सरकार के पैनल अधिवक्ताओं ने संगठन से शिकायत की। संगठन भी एएसजीआइ कार्यालय की मनमानी से नाराज हैं। आरोप है कि चुनिंदा कुछ अधिवक्ताओं को हर हफ्ते केस दिया जा रहा है।
सरकारी वकीलों को महीनों बाद प्रोफार्मा केस दिया जा रहा है
वहीं, अधिकांश सरकारी वकीलों को महीनों बाद प्रोफार्मा केस दिया जा रहा है। जिन विभागों पैरा मिलिट्री फोर्स आदि के पैरोकार हाई कोर्ट आते हैं। इनके केस चुनिंदा वकीलों को ही आवंटित किए जाते हैं। केंद्रीय कानून मंत्री ने बीते दिनों हिदायत दी थी कि पारदर्शिता के साथ केस वितरित किया जाए। इसमें पक्षपात न किया जाए। सभी सरकारी वकीलों को क्रमवार केस बांटने का निर्देश दिया था, लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ।