Navratri Puja: मइया के पालने का दर्शन कर भक्त भावविभोर, मां के कूष्मांडा स्वरूप का हुआ पूजन

मां खेमा माई के दरबार में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों के पहुंचने का सिलसिला दिनभर चला। परिक्रमा कर मनोवांछित फल प्राप्ति की कामना की। कल्याणीदेवी के दरबार भक्तों से भरा रहा। कोविड-19 नियम का पालन करते हुए भक्तों ने मइया के दिव्य स्वरूप का दर्शन किया

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 08:22 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 08:22 PM (IST)
Navratri Puja: मइया के पालने का दर्शन कर भक्त भावविभोर, मां के कूष्मांडा स्वरूप का  हुआ पूजन
सुख व समृद्धि प्राप्ति के लिए सनातन धर्मावलंबी मां भगवती की साधना में लीन हैं

प्रयागराज, जेएनएन। सुख व समृद्धि प्राप्ति के लिए सनातन धर्मावलंबी मां भगवती की साधना में लीन हैं। साथ ही मइया के पालने का दर्शन कर भक्त भावविभोर हो रहे हैं। सात्विक विचारों के साथ नवरात्र के चौथे दिन शुक्रवार को मां के कूष्मांडा स्वरूप का पूजन हुआ। कलश स्थल पर दीप जलाकर दुर्गा सप्तशती का पाठ किया। अलोपशंकरी के दरबार में मइया के में फूल-माला, चुनरी, नारियल व प्रसाद अर्पित किया। मुंडन, नामकरण व कण छेदन संस्कार दिनभर होते रहे। मान्यता है कि मां अलोपशंकरी के दरबार में यह संस्कार कराने से विशेष कृपा होती है।

भक्तों से भरा रहा कल्याणी देवी का दरबार

मां खेमा माई के दरबार में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों के पहुंचने का सिलसिला दिनभर चला। परिक्रमा कर मनोवांछित फल प्राप्ति की कामना की। कल्याणीदेवी के दरबार भक्तों से भरा रहा। कोविड-19 नियम का पालन करते हुए भक्तों ने मइया के दिव्य स्वरूप का दर्शन किया। मां के दरबार में मत्था टेककर नारियल, चुनरी व पुष्प अॢपत करके पूजन किया। शाम को मंत्रोच्चार के बीच श्यामजी पाठक ने मां के कूष्मांडा स्वरूप का श्रृंगार करके महाआरती उतारी। मां ललिता देवी का रत्नजडि़त आभूषणों से कूष्मांडा स्वरूप का श्रृंगार करके पूजन हुआ। शाम को मइया की महाआरती उतारी गई। मंदिर समिति के अध्यक्ष हरिमोहन वर्मा व महामंत्री धीरज नागर के निर्देशन में शतचंडी यज्ञ में आहुतियां डाली गईं। जबकि मां कालीबाड़ी में व्रती महिलाओं की भीड़ रही। मइया का पूजन करके उनसे शारीरिक, मानसिक, आॢथक व भौतिक कष्टों से मुक्ति पाने की कामना किया।

अनुशासित भाव से किया दर्शन

देवी मंदिरों में भक्त अनुशासित भाव से पहुंच रहे हैं। महिलाएं व पुरुष मास्क लगाकर मंदिर के अंदर दो गज की दूरी मानक का पालन के साथ मां का दर्शन कर लौट गए।

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