Dengue News: डेंगू नियंत्रण से हुआ बाहर, प्रयागराज में एक दिन में 16 नए रोगी मिले

प्रयागराज में 172 लोग बीमार हो चुके हैं। डेंगू से ऐसे हालात इसलिए भी बने हैं क्योंकि घरों में कूलर की टंकी में पानी अब भी भरे जा रहे हैं। गमलों में भी पानी भरे हैं। मलेरिया विभाग की टीमें प्रत्येक दिन डेंगू के सोर्स को नष्ट कर रही हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 08:00 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 08:00 AM (IST)
Dengue News: डेंगू नियंत्रण से हुआ बाहर, प्रयागराज में एक दिन में 16 नए रोगी मिले
शहर में तेज और ग्रामीण क्षेत्र में धीमी गति से बढ़ रहा डेंगू, अब तक मिले 172 मरीज

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। डेंगू बुखार की रोकथाम के प्रयास और गली मोहल्लों में दवा छिड़काव के बाद भी जिले में हालात कुछ ठीक नहीं हैं। बीमारी नियंत्रण से बाहर हो रही है। रोज कई  लोग डेंगू की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में खतरा बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को अलग-अलग क्षेत्रों में 16 लोगों को डेंगू हो गया। इसमें 13 लोग शहर व तीन ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले हैं। 

गोविंदपुर, छोटा बघाड़ा और शिवकुटी का पीछा नहीं छोड़ रही बीमारी

गोविंदपुर और छोटा बघाड़ा की स्थिति चिंताजनक है। क्योंकि यहां रोज किसी न किसी को डेंगू हो रहा है। कई घनी बस्तियों में जलजमाव वाले स्थानों पर एंटीलार्वा का छिड़काव कराया गया। मंगलवार को सोरांव, गोविंदपुर , तिलकनगर अल्लापुर और बेलीगांव में दो-दो तथा सुल्तानपुर भावा, जार्जटाउन, छोटा बघाड़ा, शिवकुटी, बाई का बाग, मेहंदौरी कालोनी, चांदपुर सलोरी और बहरिया में एक-एक मरीजों की डेंगू जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई।

डेंगू की रफ्तार तेज है शहर में

प्रयागराज में डेंगू के खराब हालात के चलते अब तक 172 लोग बीमार हो चुके हैं। डेंगू से ऐसे हालात इसलिए भी बने हैं क्योंकि घरों में कूलर की टंकी में पानी अब भी भरे जा रहे हैं। गमलों में भी पानी भरे हैं। मलेरिया विभाग की टीमें प्रत्येक दिन डेंगू के सोर्स को नष्ट कर रही हैं। इसके बाद भी डेंगू की रफ्तार तेज है। जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि छोटा बघाड़ा, सलोरी, गोविंदपुर, दारागंज, अल्लापुर, बाई का बाग, सुल्तानपुर भावा और प्रीतमनगर क्षेत्र में एंटी लार्वा का छिड़काव किया गया।

एसआरएन, बेली और काल्विन अस्पताल में अलग वार्ड

डेंगू मरीजों के लिए वैसे तो एसआरएन, बेली और काल्विन अस्पताल में अलग से वार्ड बनाए गए हैं लेकिन मरीज अपने इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों को प्राथमिकता दे रहे हैं। मौजूदा समय नौ लोग ही अस्पतालों में भर्ती हैं। अन्य लोग घरों में ही रहकर अपना इलाज करा रहे हैं।

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