Dengue in Prayagraj: कोरोना की तरह तेजी से फैल रहा डेंगू, मरीजों की संख्या 100 के करीब पहुंची
Dengue in Prayagraj मलेरिया विभाग के आंकड़े ही बताते हैं कि प्रत्येक दिन औसत छह नए लोगों को डेंगू हो रहा है। मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलाजी लैब में एलाइजा टेस्ट के लिए सैकड़ों सैंपल रखे हैं। विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में भी डेंगू मरीज भर्ती हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस का संक्रमण तो अब इक्का-दुक्का लोगों को ही हो रहा है लेकिन पूरे जनपद में फैल चुके डेंगू ने खौफ जमाना शुरू कर दिया है। डेंगू बीमारी जानलेवा भी है, इलाज समय पर न मिला तो नुकसान हो सकता है। यही डर लोगों में समाया है। सबसे ज्यादा प्रभावित गोविंदपुर और चिल्ला बस्ती के अलावा नगर क्षेत्र, गंगापार व यमुनापार के तमाम ग्रामीण क्षेत्रों में भी मच्छरों के डंक से लोग परेशान हैं। मरीजों की संख्या 100 के करीब पहुंच चुकी है।
प्रतिदिन औसतन छह नए लोग डेंगू की गिरफ्त में आ रहे
मलेरिया विभाग के आंकड़े ही बताते हैं कि प्रत्येक दिन औसत छह नए लोगों को डेंगू हो रहा है। मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलाजी लैब में एलाइजा टेस्ट के लिए सैकड़ों सैंपल रखे हैं। विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में भी डेंगू मरीज भर्ती हैं। जबकि कई मरीज दूसरे जिलों में जाकर अपना इलाज करा रहे हैं। डेंगू रोग देने वाले मच्छरों से सावधानी में कहीं कोई कमी रह जाने की वजह से मच्छर पनप रहे हैं जिससे रोग की रोकथाम पूरी क्षमता से नहीं हो पा रही है।
झोलाछाप डाक्टर बिगाड़ रहे सेहत
डेंगू वाले मरीजों की सेहत बिगाड़ने में झोलाछाप डाक्टरों की भूमिका भी अहम है। संक्रमित मरीजों को उचित समय पर जांच की बजाए मनमर्जी से दवाएं देकर रोग को बढ़ाने में इन डाक्टरों को ही सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक कारण मान रहे हैं। एसआरएन के फिजीशियन डा. अजीत चौरसिया कहते हैं कि बुखार होने पर तीन या चार दिनों तक प्रतीक्षा करने के बाद ब्लड टेस्ट करा लेना चाहिए। इससे बीमारी की पहचान हो जाती है और उसी अनुसार इलाज हो जाता है। वहीं डेंगू या टायफाइड भी होने पर गली कूचों में क्लीनिक चलाने वाले डाक्टर साधारण बुखार की दवा देते रहते हैं। इससे मर्ज बिगड़ जाता है।
बोले, मलेरिया अधिकारी
मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में डेंगू के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था है। लोग जांच जरूर कराएं और घर में कहीं साफ पानी का ठहराव न होने दें। क्योंकि डेंगू वाले मच्छर इसी पानी में होते हैं।