खुली अदालत में सुनवाई की मांग तेज, Allahabad High Court के वकील वर्चुअल सुनवाई से संतुष्ट नहीं
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा का कहना है कि कोरोना पूरी तरह से जल्द खत्म होगा उसकी उम्मीद कम है। ऐसी स्थिति में वर्चुअल के साथ खुली अदालत में केसों की सुनवाई करानी चाहिए। प्रवेश उन्हीं वकीलों को मिले जिनका केस लगा हो।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना संक्रमण का प्रभाव कम होने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुकदमों के आनलाइन के साथ शारीरिक रूप से दाखिले की व्यवस्था बहाल हो गई है। लेकिन, खुली अदालत में सुनवाई पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। इसके बीच वकीलों ने खुली अदालत में केसों की सुनवाई कराने की मांग तेज कर दी है। वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था से असंतुष्ट वकील खुली अदालत में सुनवाई की मांग कराने के लिए जल्द कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। इसके मद्देनजर वकीलों ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मिलकर अपनी समस्या बताने का निर्णय लिया है।
वर्चुअल सुनवाई में अक्सर तकनीकी दिक्कत
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा का कहना है कि कोरोना पूरी तरह से जल्द खत्म होगा उसकी उम्मीद कम है। अभी कोरोना का प्रभाव कम है। ऐसी स्थिति में वर्चुअल के साथ खुली अदालत में केसों की सुनवाई करानी चाहिए। प्रवेश उन्हीं वकीलों को मिले जिनका केस लगा हो। बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष एसके गर्ग का कहना है कि वर्चुअल सुनवाई में अक्सर तकनीकी दिक्कत आती है। लिंक न मिलने से वकीलों को घंटों परेशान रहना पड़ता है। अधिकांश मामलों में सुनवाई समय पर नहीं हो पाती। आदर्श अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष शरद चंद्र मिश्र का कहना है कि वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था से वकील मानसिक तनाव झेलने को मजबूर हैं। अधिकांश वकीलों को इस व्यवस्था से निराशा है। इसको लेकर जल्द मुख्य न्यायाधीश से मिलकर उचित कदम उठाने की मांग की जाएगी। वहीं, अधिवक्ता वीसी श्रीवास्तव का कहना है कि कोरोना की भयावह स्थिति खत्म हो गई है। अब कोर्ट की कार्रवाई सुचारू रूप से पहले की तरह कराने पर विचार करना चाहिए। वकील व वादकारियों के हित में खुली अदालत में सुनवाई की व्यवस्था बहाल की जाए।