Degree college के शिक्षकों में लाएंगे प्रशासनिक जज्बा, व्यक्तित्व विकास का मिलेगा प्रशिक्षण

प्रशासनिक पद शैक्षणिक कार्य से भिन्न होता है। प्रशासनिक पद पर बैठने वाला ही उच्च शिक्षा का नीति निर्धारण करता है लेकिन उसके मद्देनजर उन्हें प्रशिक्षित नहीं कराया जाता। इससे अधिकतर अधिकारी खुद को शिक्षक की मानसिकता से उबार नहीं पाते।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 02:05 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 02:05 PM (IST)
Degree college के शिक्षकों में लाएंगे प्रशासनिक जज्बा, व्यक्तित्व विकास का मिलेगा प्रशिक्षण
शिक्षक अधिकारी के रूप में सार्थक निर्णय लेने का जज्बा खुद में पैदा कर सकें उसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा

प्रयागराज, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के डिग्री कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का व्यक्तित्व विकास करके उनमें विभाग से जुड़े प्रशासनिक जिम्मेदारी संभालने का जज्बा पैदा किया जाएगा। शिक्षक अधिकारी के रूप में सोचें, सार्थक निर्णय लेने का जज्बा स्वयं के अंदर पैदा कर सकें उसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। हर तीन से चार माह के बीच विशेषज्ञों द्वारा उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। जो उन्हें पठन-पाठन के साथ शिक्षा विभाग से जुड़े कार्यों में आ रहे बदलाव, नई तकनीक से जुडऩे का जज्बा पैदा करेंगे। इस दिशा में उच्च शिक्षा निदेशालय ने काम शुरू कर दिया है। 

कार्यों में गुणवत्ता के लिए व्यक्तित्व का विकास

हर विभाग कार्यों में बेहतरी के लिए साल-दो साल में अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण कराता है। इसके जरिए उनके व्यक्तित्व का विकास करके कार्यों में गुणवत्ता लायी जाती है, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग में प्रशिक्षण का प्रविधान नहीं है। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग से उच्चतर शिक्षा सेवा समूह 'क के तहत राजकीय डिग्री कालेजों के सहायक प्रोफेसर पद का चयन होता है। सहायक प्रोफेसर बनने वाले कालेज में पढ़ाते हैं। फिर पदोन्नति पाकर यही प्राचार्य व उच्च शिक्षा विभाग में निदेशक, संयुक्त निदेशक, संयुक्त सचिव, सहायक निदेशक, अपर सचिव, उपसचिव, मंडलीय उच्च शिक्षाधिकारी, उपसचिव जैसे प्रशासनिक पदों पर आसीन होते हैं। प्रशासनिक पद शैक्षणिक कार्य से भिन्न होता है। प्रशासनिक पद पर बैठने वाला ही उच्च शिक्षा का नीति निर्धारण करता है, लेकिन उसके मद्देनजर उन्हें प्रशिक्षित नहीं कराया जाता। इससे अधिकतर अधिकारी खुद को शिक्षक की मानसिकता से उबार नहीं पाते।  इसके मद्देनजर विभागीय अधिकारियों व डिग्री कालेजों के शिक्षकों को प्रशिक्षित करके उनके व्यक्तित्व का विकास करने का निर्णय लिया गया है। 

शिक्षक संभालते हैं यह जिम्मेदारी 

-राजकीय पीजी कालेज के प्राचार्य उच्च शिक्षा निदेशक, संयुक्त निदेशक, संयुक्त सचिव के पद पर तैनात होते हैं।  -राजकीय डिग्री कालेज स्नातकोत्तर के प्राचार्य क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी बनते हैं।  

-राजकीय डिग्री कालेजों के सहायक प्रोफेसर उच्च शिक्षा में सहायक निदेशक, अपर सचिव, उपसचिव, सांख्यिकी शोध अधिकारी बनते हैं। 

इनका यह है कहना

उच्च शिक्षा विभाग व डिग्री कालेजों के शिक्षकों के व्यक्तित्व विकास, नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए प्रशिक्षण न मिलना चिंताजनक है। निदेशालय अपने अधिकारियों व डिग्री कालेजों के शिक्षकों को प्रशिक्षित कराने की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगा। 

-डा. अमित भारद्वाज, निदेशक उच्च शिक्षा

chat bot
आपका साथी