सीबीआइ जांच तक टला उत्तराधिकारी पर फैसला

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि केउत्तराधिकारी का मामला टल गया है। अब सीबीआई जांच के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 01:33 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 01:33 AM (IST)
सीबीआइ जांच तक टला उत्तराधिकारी पर फैसला
सीबीआइ जांच तक टला उत्तराधिकारी पर फैसला

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी (श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के पीठाधींश्वर) का फैसला सीबीआइ जांच पूरी होने तक टाल दिया गया है। श्री निरंजनी अखाड़े के पंच परमेश्वर ही तब तक श्री मठ बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर की व्यवस्था देखेंगे। इस मुद्दे पर गुरुवार को श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में श्रीनिरंजनी अखाड़ा के पंचों में मंत्रणा होती रही। आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद भी इसमें शामिल हुए।

श्रीनिरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी की मौजूदगी में संतों ने गुरुवार को भी घटनाक्रम पर मंथन किया। किसी को न नरेंद्र गिरि के फांसी लगाने पर विश्वास है, न कोई कथित सुसाइड नोट को सही मान रहा है। सुसाइड नोट की लिखावट व हस्ताक्षर, अलग-अलग पन्नों पर स्याही का रंग चर्चा का विषय रहा। दोपहर बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि भी सलाह के लिए श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में बुलाए गए। उन्होंने इतना भर कहा कि जांच का निष्कर्ष आने तक पीठाधीश्वर के मसले पर फैसले से बचना उपयुक्त होगा। वैसे उनका यह भी कहना था कि निरंजनी अखाड़ा के पंच परमेश्वर जो फैसला लेंगे, उसे परिषद की स्वीकृति रहेगी। सुसाइड नोट में उल्लेखित बातों पर मंत्रणा कर इस निष्कर्ष पर पहुंचने की असफल कोशिश हुई कि इससे किसको फायदा हो सकता है? श्रीमहंत रवींद्र पुरी का कहना है कि शनिवार 25 सितंबर को धूल रोट की परंपरा पूरी होनी है, अभी उसकी तैयारी की जा रही है। उसे पूरी परंपरा के अनुरूप पूरा किया जाएगा। सुसाइड नोट में जिन बलवीर गिरि का उल्लेख उत्तराधिकारी के रूप में है, उनका कहना है कि अखाड़े के पंच परमेश्वर जो भी फैसला लेंगे, वह उन्हें शिरोधार्य होगा।

समाधि पर जला दीपक, हुई पूजा: महंत नरेंद्र गिरि की समाधि स्थल पर गुरुवार को पूजा हुई। संतों और नरेंद्र गिरि के शिष्यों ने सुबह समाधि स्थल पर मत्था टेक कर पुष्प अर्पित किया। शाम को यहां दीपक जलाया गया।

सालभर बाद शिवलिग की स्थापना: महंत नरेंद्र गिरि की समाधि पर सालभर बाद शिवलिग रखकर उसे मंदिर का स्वरूप दिया जाएगा। जिस तारीख को समाधि दी गई, उसी तारीख को इसे पक्का कर शिवलिग स्थापित किया जाएगा और नियमित पूजा होगी।

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इनसेट

सीबीआइ खुदवा सकती है समाधि

कुछ संतों को यह भी लग रहा है कि सीबीआइ अपनी जांच के दौरान समाधि खुदवा कर पार्थिव शरीर देख सकती है। कहां और कैसे चोट लगी है? शरीर में कैसा निशान है? इस सबकी पड़ताल करने के लिए पार्थिव शरीर बाहर निकाला जा सकता है। श्रीमहंत रवींद्र पुरी कहते हैं कि सीबीआइ चाहेगी तो पार्थिव शरीर बाहर निकाला जाएगा। फिर परंपरा के अनुरूप पुन: समाधि दी जाएगी।

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