प्रयागराज के साइकिल मैन ने छेड़ी है प्रदूषण को बचाने की मुहिम, लोगों को कर रहे जागरूक

मनीष मिश्र ने सभी से आह्वान किया कि वे दैनिक कार्याें को करने के लिए साइकिल का प्रयोग करें। सब कुछ हमें पर्यावरण ने दिया है अब हम सोचें कि हमने पर्यावरण को क्या दिया है। मनीष पेरिस में साइकिलिंग प्रतियोगिता में शामिल हो चुके हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 12:01 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 12:01 PM (IST)
प्रयागराज के साइकिल मैन ने छेड़ी है प्रदूषण को बचाने की मुहिम, लोगों को कर रहे जागरूक
एजी आफिस के सीनियर आडिटर प्रदूषण बचाने की मुहिम छेड़ी है। वह सभी कार्य साइकिल से करते हैं।

प्रयागराज, [अमरीश मनीष शुक्ल]। पर्यावरण को बचाने की मुहिम संगम नगरी यानी प्रयागराज में भी चल रही है। एक साइकिल मैन सैकड़ों की जिंदगी में परिवर्तन ला चुका है। इनसे प्रेरणा लेकर कार और बाइक छोड़कर अब 30 अधिक कर्मचारी और अधिकारी साइकिल से कार्यालय आते-जाते हैं। अब और लोगों को वे पर्यावरण को बचाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

एजी आफिस में सीनियर आडिटर हैं मनीष मिश्र

डाक्टर, समाजसेवी, नौकरी पेशा, युवा, वकील समेत समाज के कई वर्गों के लिए प्रेरणा स्रोत बने 42 वर्षीय मनीष मिश्रा एजी आफिस में सीनियर आडिटर हैं। शहर के अतरसुइया में उन्हें साइकिल मैन कहा जाता है। वे अब इसी नाम से वह साइकिल प्रेमियों में चर्चित हैं। पिछले छह साल से कार्यालय, दैनिक कार्य साइकिल से करते हैं।

मनीष साइकिल प्रतियोगिता में भी भाग ले चुके हैं

दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में मनीष मिश्र ने सभी से आह्वान किया कि वे दैनिक कार्याें को करने के लिए साइकिल का प्रयोग करें। सब कुछ हमें पर्यावरण ने दिया है, अब हम सोचें कि हमने पर्यावरण को क्या दिया है। मनीष 2019 में पेरिस में साइकिलिंग प्रतियोगिता, 2017 में मनाली से लेह तक 550 किमी की यात्रा कर चर्चा में आए थे।

पांच दिसंबर को शुरू करेंगे छह हजार किमी की यात्रा

मनीष मिश्र पांच दिसंबर को छह हजार किमी की साइकिल यात्रा प्रयागराज से सुबह सात बजे शुरू करेंगे। स्वर्णिम चतुर्भुज के रास्ते 33 दिन का सफर होगा। औरंगाबाद से तीन और साइकिल चालक उनके साथ सफर पर होंगे।

एजी आफिस में मनीष की मुहिम के मुरीद हुए कर्मी

एजी आफिस में काम करने वाले जार्जटाउन के राकेश तिवारी ने बताया मनीष को साइकिल से कार्यालय आता देखकर पहले तो अजीब लगा, लेकिन अब पर्यावरण मुहिम के सब मुरीद हैं। 30 से अधिक कर्मचारी साइकिल से ही आते-जाते हैं। सुरेश पाल साइकिल से ही बनारस जाते हैं। यूनिवर्सिटी रोड के मुनेंद्र कनौजिया, झलवा के रहने वाले वरिष्ठ अधिकारी पीके सिंह स्वयं तो साइकिल चलाने लगे और दूसरों को प्रेरित करते हैं।

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