कोरोना काल में नौकरी गंवाने वाले साइबर शातिरों के निशाने पर, नौकरी दिलाने के बहाने फंसा रहे बेरोजगारों को
साइबर थाने के इंस्पेक्टर राजीव तिवारी ने बताया कि साइबर शातिर नौकरी के नाम पर ठगी कर रहे हैं। खासकर जिनकी नौकरी कोरोना के वक्त चली गई है उनको निशाना बना रहे हैं। ऐसे लोगों से सतर्क रहने की आवश्यकता है।
प्रयागराज,जेएनएन। महामारी कोरोना के दौरान अगर आपकी नौकरी चली गई है तो जरा सावधान हो जाएं। कहीं ऐसा न हो आप भी साइबर शातिरों के जाल में फंस जाएं और फिर गाढ़ी कमाई की रकम गवां बैठें। दरअसल साइबर शातिर ठगी के लिए नया तरीका अपना रहे हैं। इसके लिए वह कोरोना काल में नौकरी गंवाने और बेरोजगार युवकों को फंसाने के लिए जतन कर रहे हैं।
शहर में इस तरह के कई प्रकरण सामने भी आ चुके हैं। चौक की प्रशंसा को पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर ठगा गया तो अधिवक्ता के भाई से जालसाजी की कोशिश की गई। ऐसे और भी कुछ लोग हैं, जिन्होंने साइबर थाने में शिकायत दी है कि उनके मोबाइल और वाट्सएसप पर नौकरी का संदेश भेजकर धोखाधड़ी करने का प्रयास किया गया है। कुछ लोगों ने तो पुलिस से शिकायत भी नहीं की है। फिलहाल पुलिस का कहना है कि संक्रमण के चलते तमाम परिवार आॢथक संकट से जूझ रहे हैं। नौकरी छूटने से भी तमाम युवक व युवतियां परेशान हैं। इसी का फायदा उठाकर शातिर अब नए तरीके से जालसाली कर रहे हैं। साइबर थाने के इंस्पेक्टर राजीव तिवारी ने बताया कि साइबर शातिर नौकरी के नाम पर ठगी कर रहे हैं। खासकर जिनकी नौकरी कोरोना के वक्त चली गई है, उनको निशाना बना रहे हैं। ऐसे लोगों से सतर्क रहने की आवश्यकता है।
भेजते हैं वर्चुअल नंबर -
मोबाइल पर टेक्सट मैसेज के साथ ही वाट््सएप पर भी शातिर संदेश भेजते हैं। उसके साथ वर्चुअल नंबर देते हैं, जिस पर काल करने के लिए कहा जाता है। अगर किसी ने गलती से उस नंबर पर फोन कर लिया तो शातिर उसे अपने जाल में फंसा लेते हैं।
ऐसे बचें शातिरों से
- नौकरी के लिए अधिकृत वेबसाइट पर ही आवेदन करें।
- भेजे गए लिंक को ओपन करने से पहले लॉक देख लें।
- नंबर के आगे प्लस 91 के साथ 10 डिजिट को देखें।
- नौकरी देने वाली संस्था, कंपनी के बारे में अवश्य जानें।
- कागजात वेरीफिकेशन के नाम पर पैसा कंपनी नहीं मांगती।
केस 1-
जीरो रोड पर रहने वाली प्रशंसा चौरसिया से पार्ट टाइम जाब के नाम पर कई बार में 40 हजार रुपये की ठगी की गई। उन्हें नौकरी के साथ ही उसमें उपयोग होने पर उपकरण देने का भी झांसा दिया गया था। पीडि़ता ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
केस 2-
राजापुर में रहने वाले अधिवक्ता नितेश कुमार के भाई को भी नौकरी के नाम पर झांसे में फंसाने की कोशिश की गई। एक दिन में तीन से पांच हजार रुपये कमाने का ऑफर दिया गया था। मगर कागजात वेरीफिकेशन के नाम पर पैसा मांगते ही उन्हें शक हुआ तो बच गए।