फोन आया न ओटीपी, खाते से निकल रही रकम, क्विक सपोर्ट और टीम व्यूवर एप से खाता कर रहे खाली

इस एप के माध्यम से अधिक रकम की निकासी नहीं हो सकती है इसलिए छोटी-छोटी रकम के जरिए कई बार में रुपये को शातिर अपने खाते में ट्रांसफर करते हैं। इसका पता लोगों को तब चलता है जब उनके मोबाइल पर रुपये निकलने का मैसेज आना शुरू होना है।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 07:20 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 07:20 AM (IST)
फोन आया न ओटीपी, खाते से निकल रही रकम, क्विक सपोर्ट और टीम व्यूवर एप से खाता कर रहे खाली
साइबर शातिर बिना ओटीपी के ही बैंक अकाउंट से रकम उड़ा दे रहे हैं।

प्रयागराज,जेएनएन। ओटीपी नंबर के जरिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को काफी सुरक्षित माना जाता है, लेकिन शातिर साइबर अपराधियों ने अब इसका भी तोड़ निकाल लिया है। क्विक सपोर्ट और टीम व्यूवर जैसे कई एप की मदद से वे लोगों के पेटीएम अकाउंट को लिंक कराते हैं और जिसका सटीक बैठ जाता है, उसका खाता खाली कर देते हैं।

पेटीएम अकाउंट से कराते हैं लिंक, चुरा लेते हैं सभी जानकारियां

इसके लिए लोगों के पास न कोई फोन और न ही ओटीपी (वन टाइप पासवर्ड) आता है। साइबर शातिरों की खाते से रुपये ट्रांसफर की इस नई चाल से लोगों की नींद उड़ गई है। साइबर शातिरों से बचने के लिए बैंक यह सलाह देते हैं कि अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड का पिन या ओटीपी नंबर किसी को नहीं बताना चाहिए। इस सब के बीच साइबर शातिर कई कदम आगे निकल गए। इस एप के माध्यम से अधिक रकम की निकासी नहीं हो सकती है, इसलिए छोटी-छोटी रकम के जरिए कई बार में रुपये को शातिर अपने खाते में ट्रांसफर करते हैं। इसका पता लोगों को तब चलता है, जब उनके मोबाइल पर रुपये निकलने का मैसेज आना शुरू होना है।

क्विक सपोर्ट और टीम व्यूवर जैसे एप से खाता कर रहे खाली

साइबर थाना प्रभारी राजीव तिवारी ने बताया कि टीम व्यूवर जैसी एप से कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे के सिस्टम पर पूरा अधिकार कर लेता है। ये एप किसी दूर बैठे सिस्टम की खामियों को दूर करने के काम आते हैं, लेकिन अब इनका गलत इस्तेमाल हो रहा है। इससे बचने के लिए इस तरह के एप बिना किसी कारण के डाउनलोड न करें। साथ ही ऑनलाइन पेमेंट करते समय सक्रियता बरतें।

केस एक

नैनी के एडीए कालोनी में रहने वाले शिवापति त्रिपाठी के पेटीएम अकाउंट को लिंक कर साइबर शातिरों ने 15200 रुपये निकाल लिए। कुल छह बार में ये रुपये निकाले गए थे। इसका मैसेज उनके मोबाइल पर आया तो वह दंग रह गए। पुलिस थाने में तहरीर देकर बताया कि उनके पास किसी का न तो फोन आया था और न ही ओटीपी नंबर भेजा गया था। उनके पेटीएम अकाउंट को किसी एप से लिंक कराकर रुपये निकाले गए हैं।

केस दो

लूकरगंज के रहने वाले त्रिभुवन नाथ के खाते से 54 हजार रुपये 13 बार में साइबर शातिरों ने निकाले। उनके पेटीएम अकाउंट को भी किसी एप से लिंक किया गया था। बैंक जाकर उन्होंने शिकायत की तो तत्काल उनके खाते से रुपये का लेन-देन रोक दिया गया। त्रिभुवन नाथ का कहना है कि उनके पास भी किसी ने फोन नहीं किया था। उनके मोबाइल पर कोई ओटीपी भी नहीं आई थी।

chat bot
आपका साथी