भ्रष्टाचार या कुछ और, प्रयागराज नगर निगम से 18 लाख रुपये की फाइल चाेरी होने पर मुकदमा

इन फाइलों के गायब होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। फिलहाल अधिशासी अभियंता ने नौ अक्टूबर को सिविल लाइंस थाने में तहरीर देकर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि इसमें लिपिकों और ठेकेदारों की संलिप्तता से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 01:20 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 01:20 PM (IST)
भ्रष्टाचार या कुछ और, प्रयागराज नगर निगम से 18 लाख रुपये की फाइल चाेरी होने पर मुकदमा
अधिशासी अभियंता अजय कुमार सिंह द्वारा सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। नगर निगम के जनकार्य विभाग में भी गजब के ‘खेल’ होते हैं। कुछ महीनों पहले मम्फोर्डगंज क्षेत्र में सड़क निर्माण होने के बाद टेंडर निकाले जाने, ई-टेंडर में गड़बड़ी होने के मामले सामने आए थे। अब गली और नाली निर्माण से संबंधित दो फाइलें विभाग से गायब हो गई हैं। दोनों फाइलों में करीब 18 से 20 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई थी। फाइलें गुम होने से अधिकारियों और कर्मचारियों में खलबली मची है। मामले में अधिशासी अभियंता अजय कुमार सिंह द्वारा सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

काम शुरू कराने की नौबत आई तो फाइल ही नदारद

जोन दो मुट्ठीगंज के वार्ड 57 दरियाबाद मोहल्ले में गली और नाली के निर्माण के लिए दो फाइलें स्वीकृत की गई थीं। मोहल्ले में कल्लू पान वाले के घर से लेकर अनीस जनरल स्टोर तक गली-नाली और मकान नंबर 620 से लेकर फरीद खान के हाता तक गली नाली का निर्माण होने की फाइल तैयार थी। इसमें से प्रत्येक काम पर करीब नौ से 10 लाख रुपये खर्च होना था। यह फाइलें तब स्वीकृत हुई थीं, जब जोन दो के अधिशासी अभियंता आशीष त्रिवेदी थे। अब उनका स्थानांतरण हो चुका है। इधर, गलियों और नालियों का निर्माण कराने के लिए टेंडर निकाले जाने की बात हुई तो दोनों फाइलें गायब थी। अधिकारियों ने लिपिकों से फाइलें खोजवाईं लेकिन वह नहीं मिलीं।

फाइल गायब होने के पीछे आखिर क्या है मंशा

इन फाइलों के गायब करने के पीछे मंशा क्या थी। फाइलों के गायब होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। फिलहाल अधिशासी अभियंता ने नौ अक्टूबर को सिविल लाइंस थाने में तहरीर देकर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि, इसमें लिपिकों और ठेकेदारों की संलिप्तता से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। अधिशासी अभियंता का कहना है कि फाइलों का दुरुपयोग न होने पाए, इसलिए रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। मुख्य अभियंता सतीश कुमार का कहना है कि पूर्व के अधिशासी अभियंता से भी बात हुई लेकिन, वह नहीं बता सके कि फाइलें किस बाबू को दी गई थी। बीच में ही फाइलें कहीं गायब हो गईं।

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