Covid Vaccination: ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण को जागरूकता में कमी, औसत से चार गुना कम लग रहे टीके
Covid Vaccination प्रयागराज के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रभाकर राय का कहना है कि टीके लगवाने में ग्रामीणों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक है। यह हाल तब है जब कैम्प गांव में ही जाकर लगाए जा रहे हैं और रजिस्ट्रेशन भी आनलाइन न करके मौके पर किया जा रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना रोधी टीका 18 साल से अधिक उम्र के प्रत्येक शख्स को लगाने के लिए सरकार प्रयासरत है। शहर के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण का फोकस अधिक है, क्योंकि वहां स्वास्थ्य सुविधाएं ज्यादा नही हैं। हालांकि घर के दरवाजे पर भी टीकाकरण कैम्प लगने के बावजूद लोगों का रुझान संतोषजनक नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास खंड स्तर पर लगाए गए विशेष कैम्प समेत अन्य केंद्रों पर टीके का औसत सात हजार ही है, जबकि अपेक्षा इससे चार गुने की है।
टीकाकरण से लोगों को सुरक्षित रखने की कवायद
दरअसल कोरोना की आ चुकी दो लहर में शहर व ग्रामीण जनता और स्वास्थ्य विभाग को भी तगड़ा नुकसान हो चुका है। हजारों लोगों की जान चली गई है और स्वास्थ्य सुविधाएं अब भी पर्याप्त नहीं है। जबकि तीसरी लहर की आशंका प्रबल बताई जा रही है। इसे देखते हुए अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाकर कोरोना से सुरक्षित करना सरकार की प्राथमिकता है।
ग्रामीणों की सुविधा के लिए राजस्व गांवों में लगे हैं कैम्प
राजस्व गांवों में टीकाकरण कैम्प लगाए गए हैं जिससे कि लोगों को टीके लगवाने के लिए कहीं दूर न जाना पड़े। इसके लिये प्रचार भी काफी कराया गया। लेकिन ग्रामीण दूसरों के बहकावे में आकर इसका लाभ नहीं उठा रहे हैं। टीकाकरण कैम्प में ग्रामीण क्षेत्र में दो दिन में कुल दो हजार लोग ही पहुंचे।
गांवों में अपर्याप्त हैं स्वास्थ्य सुविधाएं
कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है और ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं। ऐसे में टीका ही कोरोना से बचाव का मजबूत उपाय है जिसे समय रहते सरकार गांव तक पहुंच रही है। इसका लाभ उठाने के लिए ग्रामीणों में रुचि की आवश्यकता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बोले- ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का प्रदर्शन निराशाजनक
प्रयागराज के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रभाकर राय का कहना है कि टीके लगवाने में ग्रामीणों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक है। यह हाल तब है जब कैम्प गांव में ही जाकर लगाए जा रहे हैं और रजिस्ट्रेशन भी आनलाइन न करके मौके पर किया जा रहा है। टीका की कोई कमी नहीं है और स्टाफ भी लगा है। जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों और गांव के युवाओं को संभालनी होगी। अपेक्षा है कि टीके के लिए जितने लोग अभी कैम्प में पहुंच रहे हैं, संख्या इससे चार गुना हो। नहीं कोरोना की तीसरी लहर से भी भी होने वाले अनुमानित नुकसान को रोक पाना कठिन होगा।