Covid-19: सितंबर माह के 19 दिनों में प्रयागराज में कोरोना के सिर्फ 21 पाजिटिव मरीज मिले
Covid-19 अब जिले में केवल 17 सक्रिय मामले यही संकेत देते हैं कि कोरोना की ताकत कमजोर हुई है और वैक्सीन असर कर रही है। जिला सर्विलांस अधिकारी डाक्टर एके तिवारी का कहना है कि जिन 17 लोगों को कोरोना का संक्रमण है उनकी लगातार मोनिटरिंग हो रही है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के दो लहरों में हलकान हुए प्रयागराज जिले के लोगों को काफी समय के बाद अब जाकर राहत मिली है। 60 लाख की आबादी वाले जिले में कोरोना का संक्रमण अब केवल 17 लोगों में ही है। ऐसे मरीज होम आइसोलेशन में हैं। सितंबर माह के बीते 19 दिनों में केवल 21 लोग कोरोना पाजिटिव हो पाए हैं। यह जनपद के लोगों के लिए अच्छी खबर है। लोगों की जागरूकता भी इस ओर काम कर रही है।
कोरोना की ताकत कमजोर, वैक्सीन कर रही असर
चिकित्सकों का मानना है कि वैक्सीन लगाए जाने का क्रम तेज हुआ है इसका भी असर हो सकता है क्योंकि जो लोग पहले से एक्सपोज़ हैं, वैक्सीन ने उनकी एंटीबाडी बढ़ाई है। अब जिले में केवल 17 सक्रिय मामले यही संकेत देते हैं कि कोरोना की ताकत कमजोर हुई है और वैक्सीन असर कर रही है। जिला सर्विलांस अधिकारी डाक्टर एके तिवारी का कहना है कि जिन 17 लोगों को कोरोना का संक्रमण है, उनकी लगातार मोनिटरिंग हो रही है। सभी नार्मल हैं और एक एक कर पूरी तरह स्वस्थ होने की स्थिति में हैं।
प्रयागराज में अब तक 21 लाख लोगों को लग चुकी कोरोनारोधी वैक्सीन
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के चेस्ट रोग विभाग के डाक्टर अमिताभ दास शुक्ला का कहना है कि अब तक 21 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। चार लाख लोगों को दोनों डोज लग गई है। इसका असर माना जा सकता है। क्योंकि कोरोना दूसरी लहर में भी आन रिकार्ड तो करीब एक लाख लोगों को हुआ जबकि वायरस की चपेट में अनुमान के अनुसार इससे तीन गुना लोग आए थे। अधिकतर लोगों को इम्युनिटी मजबूत होने के कारण कुछ नहीं हुआ। वही स्थिति अब भी कही जा सकती है। वैक्सीन से लोगों की इम्युनिटी बढ़ती है इसीलिये शायद अब कोरोना संक्रमण का असर नहीं देखा जा रहा है।
मास्क से मोह भंग फिर भी राहत
जिले में अब मास्क अधिकांश लोग नहीं लगा रहे हैं। घरों में परिवार के बीच कोई इस नियम का पालन नहीं कर रहा हे। बाजार, कार्यस्थल और बस, ट्रेन में यात्रा के दौरान भी मास्क कम लोग ही लगा रहे हैं। इस स्थिति के बावजूद कोरोना की सुस्त चाल यह बताती है कि वायरस का संक्रमण पस्त हो गया है।