Coronavirus Effect : एसआरएन और बेली में ओपीडी बंद, एक अनार सौ बीमार सी हुई कॉल्विन अस्‍प्‍ताल की हालत Prayagraj News

Coronavirus Effect कॉल्विन अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुषमा श्रीवास्तव का कहना है कि लोड अधिक है डॉक्टर कम हैं। कई स्टाफ कोरोना वायरस से संक्रमित होकर होम क्वारनटाइन हैं। लोगों से आग्रह है कि बहुत जरूरी हो तो ही अस्पताल आएं।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 12:52 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 12:52 PM (IST)
Coronavirus Effect : एसआरएन और बेली में ओपीडी बंद, एक अनार सौ बीमार सी हुई कॉल्विन अस्‍प्‍ताल की हालत Prayagraj News
एसआरएन और बेली अस्‍पताल में ओपीडी बंद होने से कॉल्विन अस्‍पताल का भार बढ़ गया है।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस के फैलाव ने प्रयागराज के सरकारी अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था पर विपरीत असर डाला है। सरकारी और निजी असप्तालों के कोविड असप्ताल  होने से ओपीडी बन्द हो रही है। इससे पूरे जिले का लोड कॉल्विन अस्पताल पर आ गया है। अब इसी एकमात्र अस्पताल में सामान्य मरीजों को देखा जा रहा है जबकि यहां डॉक्टरों और चिकित्सा संसाधनों की पहले से भारी कमी है।

एसआरएन और बेली न जाएं, अब कॉल्विन आएं

कोविड संक्रमितों के लगातार बढ़ने से बेली असप्ताल को कुछ दिनों पहले कोविड अस्पताल बनाते हुए वहां ओपीडी बन्द कर दी गई थी। अब वही हाल एसआरएन का भी हुआ। एसआरएन में भी ओपीडी का संचालन सोमवार को बंद हो गया है। यानी अब इन अस्पतालों में दूसरे मरीज नहीं देखे जा रहे हैं। इसलिये जिले भर के लोगों को कॉल्विन असप्ताल ही आना होगा।

असप्ताल आएं लेकिन सुरक्षा भी बरतें

कॉल्विन असप्ताल में आना लोगों की मजबूरी होगी क्योंकि इसी असप्ताल में अब ओपीडी चल रही है। किसी मरीज को लेकर इस असप्ताल में आएं तो कोरोना से पूरी सुरक्षा बरतें। नाक व मुह से मास्क बिल्कुल न हटाएं। पास में सेनिटाइजर जरूर रखें और उससे हाथ को बार बार साफ करते रहें। कुर्सी, सीढ़ियों की रेलिंग, पंजीकरण काउंटर की बैरिकेड रेलिंग को न छुएं और शारीरिक दूरी के लिये बनाये गए गोले में ही खड़े हों।

बहुत जरूरी हो तभी आएं अस्‍पताल

कॉल्विन अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुषमा श्रीवास्तव का कहना है कि लोड अधिक है डॉक्टर कम हैं। कई स्टाफ कोरोना वायरस से संक्रमित होकर होम क्वारनटाइन हैं। लोगों से आग्रह है कि बहुत जरूरी हो तो ही अस्पताल आएं। मेडिको लीगल की भी बड़ी समस्या है।

chat bot
आपका साथी