Remdesivir के अलावा अन्य इंजेक्शनों की मांग भी प्रयागराज में हुई दोगुनी, मांग के साथ बढ़े दाम

रेमडेसिविर के साथ ही अन्‍य इंजेक्‍शनों का भी रेट बढ़ गया है। इलाहाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल दुबे का कहना है कि जब तक इन इंजेक्शनों की सप्लाई सामान्य नहीं हो जाती है तब तक कंपनी स्तर पर इनके रेट में बढ़ोतरी की गई है।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 06:10 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 07:54 AM (IST)
Remdesivir के अलावा अन्य इंजेक्शनों की मांग भी प्रयागराज में हुई दोगुनी, मांग के साथ बढ़े दाम
इन इंजेक्शनों की मांग अचानक दोगुना तक बढ़ जाने से बाजार में इनकी कमी भी होने लगी है।

प्रयागराज,जेएनएन। कोरोना वायरस का संक्रमण फेफड़े तक पहुंच जाने पर जिस तरह इसके इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन बेहद कारगर साबित होता है। उसी प्रकार नॉन कोविड मरीजों के उपचार में मेरोपेनम, मोनोसेफ, पिप्रासेलिन टैजोबेक्टम, टेक्सिम आदि इंजेक्शन भी बहुत फायदेमंद हो रहा है। हाल के दिनों में इन इंजेक्शन की मांग (डिमांड) करीब दोगुना तक बढ़ गई है। इससे कंपनियों ने इन इंजेक्शनों के रेट भी बढ़ा दी हैं।

ये इंजेक्‍शन नॉन कोविड मरीजों के इलाज में है कारगर

शहर के नर्सिंग होम के स्तर पर बहुत से ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं लेकिन, टेस्ट में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आती है। हालांकि, ऐसे मरीजों का आक्सीजन लेवल कोविड-19 मरीजों की तरह ही कम हो जाता है। लिहाजा, ऐसे मरीजों का इलाज डॉक्टरों द्वारा मेरोपेनम, मोनोसेफ, पिप्रासेलिन टैजोबेक्टम, टेक्सिम आदि इंजेक्शनों द्वारा किया जा रहा है। दावा है कि यह सभी इंजेक्शन काफी कारगर भी साबित हो रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में इन इंजेक्शनों की मांग अचानक दोगुना तक बढ़ जाने से बाजार में इनकी कमी भी होने लगी है। डिमांड बढऩे से कंपनियों ने लगभग 20 से 50 फीसद तक इन इंजेक्शनों के दाम भी बढ़ा दी हैं। रेट बढऩे की एक वजह कोविड काल में कंपनियों द्वारा स्टॉकिस्टों एवं डिस्ट्रीब्यूटरों के साथ होने वाली डील और डिस्काउंट को वापस ले लेना भी मानी जा रही है।

मांग कम होने पर घट जाएंगे दाम

इलाहाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल दुबे का कहना है कि जब तक इन इंजेक्शनों की सप्लाई सामान्य नहीं हो जाती है, तब तक कंपनी स्तर पर इनके रेट में बढ़ोतरी की गई है। संभव है कि मांग कमजोर पड़ जाने पर रेट फिर से घटा दिए जाएं।

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