हाई कोर्ट ने हत्या आरोपित व उम्रकैद की सजा पाए बुजुर्ग कैदी को दी राहत, सजा निलंबित कर दी बेल
Coronavirus Effect लॉकडाउन से हाई कोर्ट बंद है। इसके बावजूद मुख्य न्यायाधीश ने अभियुक्त की अधिक उम्र को देखते हुए उसकी अपील पर तत्काल संज्ञान लेकर लेकर सुनवाई की।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हत्या में आरोपित व उम्रकैद की सजा पाए 94 साल के बुजुर्ग कैदी को राहत दी है। कोर्ट ने सजा निलंबित करते हुए उसे तत्काल जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। सूर्यवंश को 24 जनवरी, 2020 को अपर जिला एवं सेशन जज एंटी करप्शन गोरखपुर ने सजा सुनाई थी।
सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई की। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन से हाई कोर्ट पूरी तरह से बंद है। इसके बावजूद मुख्य न्यायाधीश ने मामले की गंभीरता व अभियुक्त की अधिक उम्र को देखते हुए उसकी अपील पर तत्काल संज्ञान लेकर सुनवाई की।
हाई कोर्ट ने अपील का निस्तारण होने तक सजा निलंबित रखने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने सूर्यवंश को मात्र पांच हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने अपर शासकीय अधिवक्ता से आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट एक सप्ताह में मांगी है।
दरअसल, गोरखपुर जिला के थाना शिकरीगंज में 27 मार्च, 1978 को दर्ज हत्या और मारपीट के मुकदमे में निचली अदालत ने सूर्यवंश को 42 साल बाद दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी। इस सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दाखिल कर कहा गया कि घटना के समय याची की उम्र लगभग 40 वर्ष थी, जबकि आज वह 94 वर्ष का है, इसलिए अपील लंबित रहने के दौरान उसकी सजा पर रोक लगाई जाए तथा उसे जमानत पर रिहा किया जाए।