Coronavirus Effect : फेरों की राह में 'नाइट कर्फ्यू' का रोड़ा, गेस्ट हाउस संचालक परेशान Prayagraj News
Coronavirus Effect प्रशासन की ओर से नाइट कर्फ्यू लागू होने के बाद लोग नौ बजे तक गेस्ट हाउस तक बरात लेकर पहुंचने को मानसिक रूप से तैयार नजर नहीं आ रहे हैं। शादी समारोह के लिए गेस्ट हाउस की बुकिंग कराने वाले लोग अपना पैसा वापस मांग रहे हैं।
प्रयागराज,जेएनएन। महीनों बाद विवाह का मुहूर्त आया। शादी की तारीख भी तय हो गई। लेकिन, अचानक कोरोना के पांव पसारते ही खुशी का पल मायूसी में बदल गया। लोगों को उम्मीद थी कि अप्रैल से शादियां शुरू हो जाएंगी। लेकिन, एक बार फिर से फेरों की राह में कोरोना का ग्रहण लग गया है। नाइट कर्फ्यू लगने से सबकी योजनाओं पर पानी फिरता नजर आ रहा है। ऐसे में बरात के स्वागत और शादी के लिए पूरी रात का समय इस बार नहीं मिलने की उम्मीद है।
नौ बजे तक निपटाए शादी समारोह
कोरोना महामारी के मरीजों की संख्या और लागू नाइट कर्फ्यू को देखते हुए शहर के कई गेस्ट हाउस संचालकों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इस बारे में गेस्ट हाउस एसोसिएशन के उपाध्यक्ष गुफरान अहमद ने बताया कि हम सभी को सरकार की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है। ऐसे में कुछ संचालकों ने बुकिंग कराने वाले लोगों से कहा कि वह अपना शादी समारोह रात में नौ बजे तक समेटने का प्रबंध कर लें, जिससे रात 10 बजे से नाइट कर्फ्यू की व्यवस्था लागू होने के बाद किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो सके।
लोग नहीं हो रहे तैयार
प्रशासन की ओर से नाइट कर्फ्यू लागू होने के बाद लोग नौ बजे तक गेस्ट हाउस तक बरात लेकर पहुंचने को मानसिक रूप से तैयार नजर नहीं आ रहे हैं। शादी समारोह के लिए गेस्ट हाउस की बुकिंग कराने वाले लोग अपना पैसा वापस मांग रहे हैं। जबकि गेस्ट हाउस या मैरिज हॉल संचालकों का कहना है कि उनको प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य है। ऐसे में लोगों को इस मामले में सहयोग करना चाहिए।
इस दिन हैं विवाह के शुभ मुहूर्त
17 फरवरी को शुक्र ग्रह के अस्त होने से विवाह सहित समस्त शुभ कार्य रुक गए थे। ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि 19 अप्रैल को शुक्र का उदय हो जाएगा। तीन दिन उनका बाल्यत्व रहेगा। ऐसे में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाएगा। जबकि 22 अप्रैल की सुबह 5.45 शुक्र का बाल्यत्व खत्म हो जाएगा। इसके बाद से शादी-विवाह, नामकरण, यज्ञोपवीत संस्कार, गृहप्रवेश, नीव का पूजन जैसे समस्त शुभ कार्य होने लगेंगे। विवाह का मुहूर्त 23, 26, 28, 30 अप्रैल को है। जबकि मई में दो, सात, आठ, 13, 14, 19, 21, 22, 24, 25, 27, 29 तारीख को विवाह किया जा सकता है। इसी प्रकार 15, 17, 18, 20, 22, 24, 26 जून, एक व छह जुलाई को विवाह का मुहूर्त है।
17 जुलाई को लगेगा चातुर्मास
चातुर्मास 17 जुलाई की सुबह 4.11 बजे लग जाएगा। जबकि भगवान विष्णु 20 जुलाई को शयन पर चले जाएंगे। इसके साथ समस्त शुभ कार्यों में पुन: विराम लग जाएगा।
15 नवंबर को है देवोत्थान एकादशी
देवोत्थान एकादशी 15 नवंबर को भगवान विष्णु पुन: जाग्रत होंगे। जबकि 16 नवंबर सूर्य वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ शुभ कार्य होंगे लगेंगे। नवंबर महीने में 20, 26, 28 व 29 तारीख को विवाह का मुहूर्त है। जबकि एक, पांच, 11 व 12 दिसंबर को भी विवाह का मुहूर्त है। 13 दिसंबर को खरमास आरंभ हो जाएगा। इसके साथ समस्त शुभ कार्य रुक जाएंगे।