Coronavirus Prayagraj News : संक्रमण के इलाज में आयुर्वेद 'संजीवनी', करें यह उपाय
वर्तमान समय में कोरोना को मात देने के लिए आयुर्वेदिक विधि संजीवनी हो सकती है। अभी तक काढ़ा के बारे में और शरीर के इम्यून सिस्टम को सही रखने के लिए जितने भी तत्वों का वर्णन किया गया है उससे कोरोना के वायरस नष्ट हो जाते हैं।
प्रयागराज,जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर कितनी घातक है इसका परिणाम अब सामने आ रहा है। एलोपैथ में कोरोना की कोई दवा नहीं बनी है, लेकिन कोविड-19 से बचने का सबसे सशक्त तरीका इसके बारे में पूरी जानकारी और सावधानी बरतना है। लोग आयुर्वेद की ओर लौटें, पौष्टिक आहार लें और दैनिक जीवन में योग को भी हिस्सा बनाएं तो बचाव काफी हद तक हो सकता है। सरजू हास्पिटल झूंसी के डा. संजय त्रिपाठी कहते हैं कि घातक बीमारियों के इलाज में आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रभावी हो रही है।
फेफड़े की क्षमता हो रही कमजोर
कोविड-19 का नया वैरिएंट फेफड़े की क्षमता को एकदम से बर्बाद कर दे रहा है। जिससे संक्रमित व्यक्ति की सांस फूलने लगती है। ऑक्सीजन लेवल घटने लगता है। ऐसी स्थिति में तत्काल कोविड अस्पताल जाकर भर्ती होना चाहिए।
काढ़ा से नष्ट होते हैं वायरस
वर्तमान समय में कोरोना को मात देने के लिए आयुर्वेदिक विधि संजीवनी हो सकती है। अभी तक काढ़ा के बारे में और शरीर के इम्यून सिस्टम को सही रखने के लिए जितने भी तत्वों का वर्णन किया गया है उससे कोरोना के वायरस नष्ट हो जाते हैं।
उचित दिनचर्या आपको रखेगी स्वस्थ
डा. संजय त्रिपाठी कहते हैं कि पौष्टिक खाद्य पदार्थ का ही सेवन करना चाहिए। यदि लोग उचित रूप में दिनचर्या को रखेंगे तो स्वस्थ रहेंगे। कहा कि हम सभी को श्वसन तंत्र मजबूत रखने के लिए स्वास्थ्य नियमों का पालन करना होगा। किसी को कोरोना का संक्रमण हो तो रोग की गंभीरता के आधार पर दवाओं का सेवन योग्य चिकित्सक की सलाह पर करना चाहिए। रस और भस्म का सेवन भी चिकित्सक की सलाह पर करना चाहिए।
ये सावधानी सर्वाधिक जरूरी
-अकारण घर से बाहर न निकलें।
-बाहर कहीं जाएं तो मास्क जरूर लगाए रहें।
-समय-समय पर हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करते रहें।
-सभी खाद्य पदार्थ पौष्टिक ही लें।
-आपस में दूरी बनाए रखें, घर में भी और बाहर भी।
-कपड़े और शरीर की सफाई जरूर रखें।
नजर आए यह लक्षण जो हो जाएं सतर्क
-शरीर में थकान व सुस्ती
-नाक में जलन व चुभन
-नाक जाम होना
-गले में खरास, गडऩ/ चुभन
-गले में सरसराहट होना
-मुंह का सूखना और सूखी खांसी
-स्वाद और महक का पता न लगना
-लगातार सांस फूलना और चलने पर हांफना
-बुखार आना और इसका लगातार बने रहना
(नोट यह लक्षण दिखें तो फौरन डाक्टर के पास जाएं)