कोरोना का ग्रहण, 1936 के बाद दूसरी बार नहीं निकलेगा दल
उत्सव उत्साह व उमंग के पर्व दशहरा पर प्रभु श्रीराम का दल इस बार नहीं निकल रहा है। कोरोना ने इस पर ग्रहण लगा दिया है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : उत्सव, उत्साह व उमंग के पर्व दशहरा पर प्रभु श्रीराम का दल नहीं निकलेगा। लाइटों का प्रदर्शन नहीं होगा, चौकियां भी नहीं निकलेंगी। इसके पीछे प्रमुख कारण कोविड-19 की गाइडलाइंस लागू होना है। ब्रिटिश हुकूमत से देश को आजादी मिलने के बाद लगातार दूसरे साल दशहरा पर श्रीराम का दल नहीं निकलेगा। बीते 2020 में भी दशहरा पर्व पर चौक, घंटाघर, कोठा पारचा, मुट्ठीगंज की सड़कें सूनी थीं। इसके पहले ब्रिटिश हुकूमत में प्रयाग में 1924 से 1935 तक दशहरा उत्सव पर रोक लगी थी।
जनदबाव पर 1936 में तत्कालीन कलेक्टर टीवी डब्ल्यू ने दशहरा पर्व पर श्रीराम का दल निकालने की अनुमति दी थी। तब रात के बजाय दोपहर दो से शाम पांच बजे तक भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्रीराम का दल निकाला गया। इसके बाद से दल निकलने की परंपरा लगातार कायम रही। श्रीपथरचट्टी रामलीला कमेटी व श्रीमहंत बाबा हाथीराम पजावा रामलीला कमेटी की ओर से दशहरा पर भव्य दल निकाला जाता है। प्रयागराज की रामलीला के शोधकर्ता डा. अमित मालवीय बताते हैं कि 1936 में निकले श्रीराम दल के जरिए ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ बिगुल फूंका गया था। दल में मात्र आठ-नौ चौकियां शामिल हुईं, लेकिन वो आमजन को प्रभावित करने वाली रहीं। चौकियों में अंग्रेजों को रावण के रूप में प्रदर्शित किया गया, जबकि महात्मा गांधी श्रीराम के रूप में दिखाए गए थे। रावण को अंग्रेज अफसरों की भांति सूट-बूट पहनाकर अत्याचार करते हुए दिखाया गया। वहीं, श्रीराम खादी पहनकर ज्ञान बांटते हुए निकले। दल में श्रीराम व लक्ष्मण की सवारी बघ्घी पर निकली थी। चौक, जानसेनगंज, बहादुरगंज मोहल्ले में जगह-जगह पुष्पवर्षा करके लोगों ने दल का स्वागत किया था। दशहरा पर्व पर श्रीराम का दल निकालने की पूरी तैयारी थी, लेकिन प्रशासन की अनुमति न मिलने के कारण उसे स्थगित कर दिया गया।
-मोहन जी टंडन 'टंडन भैया', वरिष्ठ सदस्य पजावा रामलीला कमेटी कोविड-19 नियम लागू होने के कारण दशहरा पर दल नहीं निकाला जाएगा। सिर्फ रामबाग स्थित मैदान में रामलीला मंचित होगी।
-लल्लूलाल गुप्त 'सौरभ', प्रवक्ता श्रीपथरचट्टी रामलीला कमेटी