UP के प्रतापगढ़ में Corona Mata का बना मंदिर, पूजन संग कोविड-19 गाइडलाइन पालन का संदेश भी प्रसारित

कोरोना महामारी से बचने के लिए लोग हर जतन कर रहे हैं। देवी-देवताओं से यह संकट दूर करने की प्रार्थना की जा रही है। प्रतापगढ़ में तो कोरोना माता की भी पूजा शुरू हो गई है। यहां कोविड-19 गाइडलाइन पालन का संदेश भी दिया जा रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 03:31 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 07:01 AM (IST)
UP के प्रतापगढ़ में Corona Mata का बना मंदिर, पूजन संग कोविड-19 गाइडलाइन पालन का संदेश भी प्रसारित
प्रतापगढ़ में सांगीपुर के जूही शुकुलपुर के ग्रामीणों ने कोरोना माता का मंदिर बना दिया है। यहां जागरूकता भी है।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना माता का मंदिर...। सुनने में तो अजीब लगता है, लेकिन है सौ फीसद सत्‍य। संभवत: यह पहला और अनूठा मंदिर है, जो प्रतापगढ़ के ग्रामीणें के आस्‍था और विश्‍वास का केंद्र बना हुआ है। जी हां, यूपी के प्रतापगढ़ जनपद के ग्रामीणों ने इस मंदिर को बनवाया है। कोरोना देवी की छवि को प्रतिमा के रूप में साकार किया। फिर शुरू हो गया पूजा-पाठ। यहां एक बात इंगित करना आवश्‍यक है कि यह मंदिर सिर्फ पूजन-अर्चन के लिए ही नहीं है, बल्कि कोविड-19 गाइडलाइन के पालन करने का संदेश भी देता है।

कोरोना माता की हो रही प्रार्थना

कोरोना महामारी ने लाखों जिंदगियां बर्बाद कर दीं। शवों के अंबार लगा दिए। बहुत से लोग संक्रमित हुए। ऐसे में इस महामारी से बचने के लिए लोग हर जतन कर रहे हैं। देवी-देवताओं से यह संकट दूर करने की प्रार्थना की जा रही है। प्रतापगढ़ में तो कोरोना माता की भी पूजा शुरू हो गई है। इनका मंदिर भी बन गया है।

प्रतापगढ़ के सांगीपुर में ग्रामीणों ने बनाया है अनोखा मंदिर

जिले के सांगीपुर थाना क्षेत्र के जूही शुकुलपुर का है। इस गांव में कोरोना से बीते दिनों तीन लोगों की जान चली गई थी। कुछ लोग पाजिटिव होने के बाद किसी तरह बचे। इसके बाद ग्रामीणों ने मिल बैठकर चर्चा की कि केवल सुई-दवा से ही कोरोना नहीं रुकने वाला। देवी-देवता व पूजा-पाठ का भी सहारा लेना होगा। इसके बाद गांव के लोकेश श्रीवास्तव उकी राय पर लोगों ने सहमति दी और नीम के पेड़ के नीचे कोरोना माता की मूर्ति स्थापित कर दी। सुबह-शाम आरती की जाने लगी।

कोरोना माता की पूजा करने आने वालों को जागरूक किया जा रहा

इस अनोखे प्रयोग की चर्चा जब इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई तो वहां पहुंचने वालों की संख्या बढऩे लगी। वहां जाने पर लोगों को कोरोना से बचने का संदेश भी मिला। मंदिर के पास लिखा है कि मास्क लगाएं। मूर्ति को स्पर्श न करें। दूरी बनाए रखें। माता को केवल पीले पुष्प ही चढ़ाएं। दर्शन से पूर्व मास्क लगाए, हाथ व पैर धोएं। सेल्फी लेते समय मूर्ति को न छुएं। गांव के राधेश्याम विश्वकर्मा, दीप माला श्रीवास्तव, राजीव रतन तिवारी, छेदीलाल दिलीप विश्वकर्मा समेत लोगों व दर्शन को यहां आने वाले ग्रामीणों को विश्वास है कि पूजा-प्रार्थना करने से माता जी प्रसन्न होकर कोरोना की कालिमा को कम करेंगीं।

दुर्गा मंदिर बलीपुर के आचार्य यह कहते हैं

दुर्गा मंदिर बलीपुर प्रतापगढ़ के महंत आचार्य आलोक मिश्र कहते हैं कि कोई आपदा आने पर देवी-देवता की शरण में लोग जाते ही हैं। इससे उनको आत्मिक शक्ति भी मिलती है। हर युग में महामारी आने पर पूजा व देवियों के प्रति आस्था का उल्लेख मिलता है। यह अनुचित नहीं है।

मनोरोग चिकित्‍सक बोले, ऐसा मंदिर बनना मानसिक अवसाद का संकेत

वरिष्‍ठ मनोरोग चिकित्‍सक डॉक्‍टर अजय मिश्र का मानना है कि मानव मन हर बदलाव को महसूस करता है। इन दिनों कोरोना से अधिक उसके बारे में भ्रांतियों से लोग डरे हैं। इस तरह का मंदिर बनना उनके मानसिक अवसाद का संकेत है। वैसे इसे लोकआस्था कह सकते हैं।

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