ई-कैटरिंग पर भी कोरोना का कहर, प्रयागराज में रेस्टोरेंट को महज 3-4 ऑर्डर मिल रहे रोज, झेल रहे नुकसान
कोरोना की पहली लहर का दंश झेल रहे व्यापार में पूरी तरह सुधार नहीं हो पाया था। तभी दूसरी लहर आ गई जिसने व्यापारियों की कमर तोड़ दी। हालत यह है कि करीब 11 महीने बाद इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) में ई-कैटरिंग सेवा शुरू की गई।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना की पहली लहर का दंश झेल रहे व्यापार में पूरी तरह सुधार नहीं हो पाया था। तभी दूसरी लहर आ गई जिसने व्यापारियों की कमर तोड़ दी। हालत यह है कि करीब 11 महीने बाद इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) में ई-कैटरिंग सेवा शुरू की गई। लेकिन, संक्रमण बढऩे के साथ काम पर भी असर पड़ा। अब अनुबंधित रेस्टोरेंट संचालकों के कारोबार पर संकट खड़ा हो गया है।
आइआरसीटीसी से अनुबंधित रेस्टोरेंट कारोबार पर भी संकट
दरअसल, फरवरी में आइआरसीटीसी ने प्रयागराज जंक्शन के लिए स्थानीय रेस्टोरेंट के साथ अनुबंध कर भोजन के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सेवाएं शुरू कराईं। शुरुआत में 20 से 25 ऑर्डर प्रति संचालक को मिलने लगे। लेकिन, संक्रमण बढऩे के साथ ई-कैटङ्क्षरग सेवा को ग्रहण गया। यात्रियों की संख्या घटने से ऑर्डर में कमी आने लगी। इसका खामियाजा अनुबंधित रेस्टोरेंट संचालकों को भुगतना पड़ा। इसलिए अनुबंधित चार रेस्टोरेंट में तीन ने अस्थाई रूप से काम बंद कर दिया। एक रेस्टोरेंट बुकिंग पर आपूर्ति कर रहा है। संचालक का कहना है कि पूरे दिन में महज तीन या चार ऑर्डर ही मिल रहे हैं। उधर, संक्रमणकाल में यात्री नहीं आने से प्लेटफार्म नंबर एक पर फूड प्लाजा भी बंद हो गया है। इससे साफ है कि कोरोना हर तरह के कारोबार पर गहरा असर डाल रहा है।