यूं हराया वायरस को, तुलसी की बूंदे डाल लेने लेगे भाप और कोरोना को घर तथा शरीर से किया दूर

डॉक्टर की सलाह पर दवा ली। देसी उपचार भी किए। दो बार तुलसी के साथ पानी गर्म कर भाप ली गई। संतुलित भोजन किया और सभी गुनगुना पानी ही पीते थे। इस दौरान सफाई का भी पूरा ख्याल रखा गया। चार मई को टेस्ट कराया तो रिपोर्ट निगेटिव आई।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 12:20 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 12:20 PM (IST)
यूं हराया वायरस को, तुलसी की बूंदे डाल लेने लेगे भाप और कोरोना को घर तथा शरीर से किया दूर
चार मई को सभी ने टेस्ट कराया तो रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद राहत की सांस ली।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना ने बहुत से परिवार को दर्द दिया तो जाने कितने परिवार इसकी चपेट में आकर दहशत और चिंता के बीच कई दिन तक डूबे रहे। ऐसे ही परिवारों में शामिल है रितेश का परिवार। पढ़िए उनकी दास्तां।

16 अप्रैल चार मई तक झेली कोरोना संक्रमण की की बेचैनी 

85 वर्षीय दादी सावित्री को खासी व जुकाम की शिकायत हुई तो चिंता होने लगी। 16 अप्रैल को उनका कोविड टेस्ट कराया और रिपोर्ट पाजिटिव आई। इसकी जानकारी होने पर होश उड़ गए। लेकिन हिम्मत से काम लिया और डॉक्टर की सलाह पर घर पर ही इलाज शुरू किया। अगले दिन यानी 17 अप्रैल को अपनी जांच कराई तो उनमें भी संक्रमण की पुष्टि हुई। ये कहानी है शंकरगढ़ के चंद्रा गांव निवासी रितेश मिश्रा की। प्रयागराज जंक्शन पर कार्यरत आइआरसीटीसी के स्टेशन ऑफीसर रितेश बताते हैं कि 19 अप्रैल को पत्नी आस्था, छह वर्षीय बेटे आरूष, बहन शिवानी, छोटा भाई यशी व उनकी पत्नी गुडिय़ा ने भी एहतियात के तौर पर जांच कराई। सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर सोचने-समझने की क्षमता खत्म सी हो गई। एक पल के लिए लगा कि अब क्या होगा। लेकिन, सभी ने एक-दूसरे का हौसला अफजाई करते हुए एहतियात बरतना शुरू किया। डॉक्टर की सलाह पर दवा ली और देसी उपचार भी किए। जैसे दिन में दो बार तुलसी के साथ पानी गर्म कर भाप ली गई। संतुलित भोजन ही किया गया और सभी गुनगुना पानी ही पीते थे। इस दौरान सफाई का भी पूरा ख्याल रखा गया। चार मई को सभी ने टेस्ट कराया तो रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद राहत की सांस ली।

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