Corona Fighters: डॉक्टर की दवा संग किया देशी उपचार, संक्रमण को दी मात, प्रयागराज के कारोबारी नीरज सपरिवार हुए थे संक्रमित
होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी। उसके बाद घर में रहते हुए प्रतिदिन अनुलोम विलोम करते रहे। लंबी लंबी श्वांस लेकर धीरे धीरे छोडऩे का भी खूब अभ्यास किया। गर्म पानी काढ़ा के साथ बताई गई दवाएं भी लेते रहे। बस मन को कमजोर नहीं होने दिया।
प्रयागराज,जेएनएन। कोरोना संक्रमण में मरीजों को संयम, नियम, योग, व्यायाम की बहुत जरूरत है। इसमें मरीज को हर चीज समय से करना चाहिए। ऐसा करने से कोरोना हार जाएगा। शहर के एक उद्यमी सपरिवार कोरोना पॉजिटिव होने पर डॉक्टर द्वारा मुहैया कराई गई दवाओं के साथ देसी उपचार करते हुए कोरोना को मात दी। सभी लोग अब एकदम स्वस्थ हैं।
इस तरह से कारोबारी परिवार ने संक्रमण को किया पराजित
टैगोर टाउन के रहने वाले उद्यमी नीरज कुमार की मां सरोज श्रीवास्तव को पिछले महीने कोरोना हुआ। वह होम आइसोलेशन में रहीं। उनकी तीमारदारी की वजह से पहले उनकी भाभी सरिता, भाई मनोज और पत्नी इंदू पॉजिटिव हुईं। 18 को वह भी पॉजिटिव हो गए। सभी लोग होम क्वारंटाइन रहते हुए दवाओं के साथ नियमित रूप से तीन-चार बार अदरक, नीम, कपूर का भाप लेते रहे। गर्म पानी का सेवन करते रहे। आधे घंटे सुबह धूप लेते रहे और अनुलोम-विलोम व्यायाम करते रहे। नीरज बताते हैं कि इस बीमारी में खाली पेट बिल्कुल नहीं रहना चाहिए। उपवास भी नहीं करना चाहिए। समय पर सुबह ब्रेकफास्ट, दोपहर में खाना, शाम का नाश्ता और रात में भोजन करना चाहिए। खाना प्रोटीनयुक्त होना बेहद जरूरी है। वह कहते हैं कि हर चीज समय से करना बहुत जरूरी है। कोरोना अपने आप हार जाएगा।
कोरोना को काढ़ा और तुलसी से हरा दिया
कोरोना संक्रमित होने की सूचना ने भीतर तक हिला कर रख दिया। मन बेचैन हो उठा फिर ईश्वर का नाम लिया और धीरे धीरे हिम्मत जुटाई। खास बात यह कि इसकी दवा तो हमारे घर में ही है। बस फिर क्या था, काढ़ा तुलसी की पत्ती, नीबू, गर्म पानी का प्रयोग शुरू कर दिया। करीब दस दिन बाद रिपोर्ट निगेटिव आ गई। यह कहना है कि भावापुर निवासी अंजू पांडेय का। बताती हैं कि करीब 25 दिन पूर्व खांसी और बुखार की समस्या हुई तो डॉक्टर को दिखाया। जांच करने पर रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव आई। सभी ने होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी। उसके बाद घर में रहते हुए प्रतिदिन अनुलोम विलोम करते रहे। लंबी लंबी श्वांस लेकर धीरे धीरे छोडऩे का भी खूब अभ्यास किया। गर्म पानी, काढ़ा के साथ बताई गई दवाएं भी लेते रहे। बस मन को कमजोर नहीं होने दिया। कभी यह ख्याल नहीं आया कि हम ठीक नहीं होंगे। हर रोज सुबह जल्दी उठते और योग करते। लौंग, दालचीनी, इलाइची आदि का भी प्रयोग खूब किया। अब भी नीबू व मौसमी फल बराबर ले रहे हैं।