Corona Effect :थोक कारोबारियों ने रोका भुगतान, संकट में इकाइयां, उत्पादों की मांग में 50 फीसद तक गिरावट
यह महामारी कब तक रहेगी इसको लेकर भी व्यापारी और उद्यमी एकदम से सशंकित हैं। आगे के हालात के बारे में किसी को कोई पता भी नहीं है। ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए थोक कारोबारियों ने खरीदे गए उत्पादों के भुगतानों को रोक दिया है।
प्रयागराज. जेएनएन। कोरोना संक्रमण का फैलाव जिस तीव्र गति से हो रहा है। उससे हर तरह की व्यवस्थाएं चरमराने लगी हैं। यह महामारी कब तक रहेगी, इसको लेकर भी व्यापारी और उद्यमी एकदम से सशंकित हैं। आगे के हालात के बारे में किसी को कोई पता भी नहीं है। ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए थोक कारोबारियों ने खरीदे गए उत्पादों के भुगतानों को रोक दिया है। थोक पार्टियों द्वारा भुगतान रोक दिए जाने से औद्योगिक क्षेत्र की इकाइयां संकट में आती जा रही हैं। इसी तरह के हालात रहे तो इकाइयों के बर्बाद होने का भी अंदेशा जताया गया है।
कच्चे माल के दाम छू रहे आसमान, मिलने में भी दिक्कत
यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी और ओवरसीज एग्रो प्राइवेट लिमिटेड (सत्या फूड्स) के चीफ इग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) मनीष शुक्ला का कहना है कि कोरोना संक्रमण के विकराल रूप के कारण कामगारों की सबसे ज्यादा समस्या हो रही है। कामगार नहीं मिल रहे हैं। इससे कंपनी में मजदूरों की संख्या घटकर करीब एक तिहाई हो गई है। होलसेल पार्टियां जिन्हें माल की आपूर्ति की गई थी, उन सभी ने भुगतान को रोक लिया हैं। कंपनी का उत्पादन भी गिरकर लगभग आधा हो गया।
लॉकडाउन हुआ तो इंडस्ट्री हो जाएगी बर्बाद
वेंचुरा ट्रांसमेटल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर नीरज कुमार का कहना है कि कई राज्यों में लॉकडाउन होने से कच्चे माल के दाम में करीब 20 फीसद तक की वृद्धि हुई है। स्टील, जिंंक, एल्युमीनियम आदि रॉ मैटेरियल की जबर्दस्त दिक्कत पैदा हो गई है। स्टॉफ की भी बेहद कमी हो गई है। उन्हें किसी तरह की दिक्कत होने पर छुट्टी दे दी जाती है। इसका असर उत्पादन पर भी पड़ रहा है। प्रोडक्शन तकरीबन 20 से 25 फीसद तक गिर गया है। कम से कम एक महीने तक हालात सुधरते दिखाई नहीं दे रहे हैं। अगर पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया तो इस बार इंडस्ट्री बर्बाद हो जाएगी।
लोगों के कम खर्च करने से डिमांड आधी
अंडानी फूड प्रोडक्ट्स के प्रोपराइटर अपूर्व अंडानी का कहना है कि कच्चे माल का दाम आसमान पर पहुंच गया है। डिमांड कम होकर आधी हो गई है। लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं, जिससे बिक्री बहुत घट गई है। कोरोना कर्फ्यू के कारण स्टॉफ को भी जल्दी जाना रहता है। इसका असर उत्पादन पर भी पड़ रहा है।