Corona Effect on Business: रास्ते में रोके जा रहे ट्रक और कामगार, प्रयागराज में उत्पादन इकाइयां झेल रहीं मुसीबत
ब्रेड और टोस्ट का निर्माण करने वाली एक इकाई के प्रोपराइटर दिनेश सिंह का कहना है कि काम लेबरों से होता है जिसकी इस समय सबसे ज्यादा कमी है। जो कामगार हैं उन्हें फैक्ट्री में आते-जाते रोक लिया जाता है। कच्चे माल की बेहद कमी है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना महामारी के कारण देश भर में बिगड़ते हालात के कारण औद्योगिक इकाइयों के संचालन में बहुत दिक्कतें आ रही हैं। कई राज्यों में लॉकडाउन होने और कई राज्यों में रात्रिकालीन कर्फ्यू के कारण कच्चे माल के दाम में वृद्धि के साथ ही आपूर्ति में भी बड़ी मुश्किलें आ रही हैं। 10 में से एक सामान की कमी होने से भी इकाइयों के चलने में व्यवधान हो जाता है। ऐसे में माल लदे ट्रकों और कामगारों को पुलिस जब बीच रास्ते रोक ले रही है तो इकाइयों को चलाना अासान नहीं हैं। तमाम इकाइयों का उत्पादन घटकर 10 से 20 फीसद तक पहुंच गया है। अगर इसी तरह के हालात महीने-दो महीने तक बने रह गए तो कई इकाइयां बंदी की कगार पर भी पहुंच सकती हैं।
कामगारों और माल लदे ट्रकों को रोक दिया जाता है बीच रास्ते
ब्रेड और टोस्ट का निर्माण करने वाली एक इकाई के प्रोपराइटर दिनेश सिंह का कहना है कि काम लेबरों से होता है, जिसकी इस समय सबसे ज्यादा कमी है। जो कामगार हैं, उन्हें फैक्ट्री में आते-जाते रोक लिया जाता है। कच्चे माल की बेहद कमी है। बाहर से माल आने और यहां से भेजने पर ट्रकों को भी बीच रास्ते में रोक लिया जाता है। ऐसी दशा में इकाइयां कैसे चल पाएंगी। बहुत सावधानी रखते हुए काम किया जा रहा है लेकिन, उत्पादन बहुत घट गया है। मल्टीबॉक्स के डायरेक्टर हेमंत कुमार का कहना है कि बाजार बिल्कुल बैठ गई है। इससे वजह से आर्डर नहीं मिल रहे हैं। कामकार वापस घर जा रहे हैं। इससे उत्पादन घटकर करीब 30 से 35 फीसद तक आ गया है। जिनके आर्डरों की आपूर्ति की गई थी, वह सभी पैसे देने से मना कर रहे हैं। इससे इकाई को चलाने में परेशानी होने लगी है। रतन इंडस्ट्रीज के रतन कुमार बताते हैं कि उनकी को यूनिट है। उनकी यूनिट में फर्निश का काम होता है। फिलहाल, यूनिट 24 घंटे चल रही है।