UGC ने एक साथ दो डिग्री करने पर मंजूरी दी, दो गुटों में बंटे शहर के शिक्षाविद् Prayagraj News

यूजीसी द्वारा एक साथ दो डिग्री के लिए दी गई मंजूरी के संबंध में शिक्षाविद् में भले ही विरोधाभास है लेकिन विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व पदाधिकारियों ने इसका स्‍वागत किया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 03:08 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 03:08 PM (IST)
UGC ने एक साथ दो डिग्री करने पर मंजूरी दी, दो गुटों में बंटे शहर के शिक्षाविद् Prayagraj News
UGC ने एक साथ दो डिग्री करने पर मंजूरी दी, दो गुटों में बंटे शहर के शिक्षाविद् Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक ही विधा या दो अलग विधाओं में एक साथ दो डिग्री कोर्स के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे छात्र एक साथ दो डिग्री कोर्स की पढ़ाई कर सकेंगे। इसमें एक कोर्स नियमित पाठ्यक्रम के तहत होगा तो दूसरा डिग्री कोर्स ऑनलाइन डिस्टेंस लर्निंग कोर्स के जरिए किया जा सकेगा। प्रयागराज में छात्रों ने इस प्रस्ताव को सराहा है तो शिक्षाविद् दो गुटों में बंट गए हैं।

इन शिक्षाविदों ने स्‍वागत किया है

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के रिटायर्ड प्रोफेसर एके श्रीवास्तव कहते हैं कि यदि नियमित दो अलग-अलग मोड डिग्री कोर्स के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है तो यह सराहनीय पहल है। इविवि के हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. संतोष के मुताबिक कभी-कभी विद्यार्थी को लगता है कि उसने जल्दबाजी में गलत विषय चुन लिया है। इससे उसे एक और मौका मिल सकेगा।

इन शिक्षाविदों ने यूजीसी की मंजूरी को नकारा

वहीं, इविवि के रिटायर्ड प्रोफेसर राम किशोर शास्त्री कहते हैं कि हर विद्यार्थी आइनस्टीन नहीं हो गया है। डिग्री के पीछे भागने वाले को उन्होंने मास्टर ऑफ नन की संज्ञा दे डाली। वह कहते हैं कि इससे विद्यार्थियों को किसी भी विषय का गंभीर ज्ञान हासिल नहीं हो सकता है। इविवि के पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. केएस मिश्र और उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह भी दो डिग्री के प्रस्ताव से असहमत हैं। इविवि के संस्कृत विभाग के प्रोफेसर राम सेवक दुबे कहते हैं कि ज्ञानार्जन के लिए तो सारे विषय पढ़े जा सकते हैं लेकिन एक सत्र में एक डिग्री प्राप्त करने का औचित्य है।

छात्रों ने एक सुर में की सराहना, इविवि छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा

यूजीसी के इस प्रस्ताव की छात्रों ने एकसुर में सराहना की है। इविवि छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष रोहित मिश्र कहते हैं कि इस फैसले से छात्रों को पढ़ाई के साथ रोजगार के साधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। पूर्व उपाध्यक्ष अखिलेश यादव और दिनेश शुक्ल ने भी इस प्रस्ताव की सराहना की है।

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