UP Roadways के संविदाकर्मियों ने मुख्यमंत्री योगी से की फरियाद, कहा- संविदा कर्मियों का क्यों काटा जा रहा वेतन
उत्तर प्रदेश परिवहन संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संविदा कर्मियों के हक के लिए मांग उठाई है। कहा संविदा कर्मियों का शोषण हो रहा है। उन्होंने बताया कि महज 10 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। इसके बावजूद वेतन से कटौती की जाती है।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी रोडवेज के संविदा कर्मियों ने अपने हक के लिए आवाज उठाई है। शोषण का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा है कि कोरोना कर्फ्यू की वजह से सवारी नहीं मिल रही है। 40 फीसद से कम सवारी होने पर बस सेवा स्थगित करने का आदेश दिया गया है। नुकसान होने पर संविदा कर्मियों के वेतन से कटौती की जा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए समस्या का समाधान कराने की मांग की है।
संविदा कर्मियों पर 40 फीसद आय का दबाव बनाया जा रहा
रोडवेज के संविदा कर्मियों को प्रोत्साहन राशि तीन हजार, पांच हजार व सात हजार रुपये नहीं दिया जा रहा है। जबकि कर्मचारियों पर 40 फीसद आय का दबाव बनाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश परिवहन संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि 13 मई को लखनऊ में विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई थी। इसमें लोड फैक्टर कम होने पर हो रहे नुकसान पर चर्चा की गई। तय हुआ कि 40 फीसद से कम लोड फैक्टर होने पर बस का संचालन न किया जाए।
बोले, उत्तर प्रदेश परिवहन संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश परिवहन संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संविदा कर्मियों के हक के लिए मांग उठाई है। उनका कहना है कि 95 फीसद संविदा कर्मचारी परिवहन निगम का संचालन कर रहा है। इसी आय से नियमित अधिकारी-कर्मी को वेतन भी दिया जा रहा है। हालांकि संविदा कर्मियों का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महज 10 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। इसके बावजूद वेतन से कटौती की जाती है। कोरोना काल में संविदाकर्मियों व उनके परिवार का खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है। संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री और प्र्रबंध निदेशक को पत्र भेजकर समस्या से अवगत कराया है। साथ ही इसका समाधान कराने की भी मांग की है।