कांग्रेसियों की पदयात्रा में नहीं दिखा बहुत उत्साह, नदी अधिकार यात्रा प्रयागराज से मीरजापुर की सीमा में दाखिल

पांच मार्च को यात्रा प्रयागराज सीमा स्थित तिरमूर घाट पर ठहरी। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लौट गए। शनिवार को सीतामढ़ी के सामने मिसिरपुर घाट पर रात्रि विश्राम हुआ। रविवार को यात्रा अगले पड़ाव की तरफ रवाना होगी।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 06:00 AM (IST)
कांग्रेसियों की पदयात्रा में नहीं दिखा बहुत उत्साह, नदी अधिकार यात्रा प्रयागराज से मीरजापुर की सीमा में दाखिल
यात्रा के अंतिम पड़ाव यानी बलिया के मांझी घाट पहुंचने से पहले ही कांग्रेसियों में खींचतान की स्थिति दिखी।

प्रयागराज, जेएनएन। घूरपुर के बसवार से पहली मार्च को शुरू हुई कांग्रेस की नदी अधिकार यात्रा शनिवार को मीरजापुर में प्रवेश कर गई। वैसे जिले में वैसा उत्साह नहीं दिखा, जैसा अनुमान पार्टी नेताओं ने लगाया था। निषाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी कुछ जगह विरोध किया। यात्रा का समापन बलिया के मांझी घाट पर 20 मार्च को होगा। कांग्रेसियों के हौसले को मजबूत करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार 'लल्लू खुद संगमनगरी पहुंचे, लेकिन वह भी लौट गए हैैं।  


20 मार्च को बलिया के मांझी घाट पर यात्रा का समापन

निषादों के अधिकार की लड़ाई के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बसवार से बलिया तक नदी अधिकार यात्रा निकालने का एलान किया था। यात्रा के अंतिम पड़ाव यानी बलिया के मांझी घाट पहुंचने से पहले ही कांग्रेसियों में खींचतान की स्थिति दिखी। तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता खुद किनारे हो गए। पिछड़ा वर्ग विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज यादव की अगुवाई में यात्रा जैसे तैसे चल रही थी। ढीले हौसले और भितरघात की भनक जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लगी तो वह करिश्माई मांझी बन खुद ही यात्रा की पतवार थामने पहुंच गए। इसके बाद भी उत्साह नहीं जगा। हंडिया के दुमदुमा में निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेसियों को घेर लिया और मेजा के गांव में रात्रि विश्राम के लिए लगाए गए टेंट को उखाड़ दिया गया। यहां यात्रा में शामिल सहारनपुर के उस युवक को भी दबोचा गया, जो गोपनीय गतिविधियों को निषाद पार्टी से साझा कर रहा था। दूसरे दिन भी रात्रि विश्राम वाली जगह लगे टेंट को उखाड़ दिया गया। पांच मार्च को यात्रा प्रयागराज सीमा स्थित तिरमूर घाट पर ठहरी। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लौट गए। शनिवार को सीतामढ़ी के सामने मिसिरपुर घाट पर रात्रि विश्राम हुआ। रविवार को यात्रा अगले पड़ाव की तरफ रवाना होगी। 

सियासी बन गया है मामला 

चार फरवरी को घूरपुर के बसवार में यमुना से बालू के अवैध खनन के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई की थी। करीब दर्जन भर नावें टूट गई थीं और दो सौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। समाजवादी पार्टी, निषाद राज पार्टी ने इस कार्रवाई को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बाद में प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुवाई में कांग्रेस भी मैदान में उतर गई। 

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