गांवों में 33 करोड़ रुपये से कम्यूनिटी टॉयलेट बनाए जाएंगे Prayagraj News

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के तहत सभी गांवों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। जिले के सभी 1637 गांवों में लगभग 33 करोड़ रुपये से कम्यूनिटी टॉयलेट बनाए जाएंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 08:04 AM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 08:04 AM (IST)
गांवों में 33 करोड़ रुपये से कम्यूनिटी टॉयलेट बनाए जाएंगे Prayagraj News
गांवों में 33 करोड़ रुपये से कम्यूनिटी टॉयलेट बनाए जाएंगे Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज के गांवों में अब गांवों में कम्यूनिटी टॉयलेट बनाए जाएंगे। इसकी लागत करीब 33 करोड़ रुपये आएगी। ऐसे शौचालय का प्रयोग निश्शुल्क होगा। यही नहीं इसमें आवश्‍यक प्रयोग की वस्‍तुएं भी होंगी जैसे साबुन, पानी व वॉश बेसिन। कम्यूनिटी टॉयलेट बनाने की मंशा खुले में शौच पर मुक्ति में प्रभावी बनाना है। इसका प्रयाेग वह भी कर सकेंगे, जिनके पास शौचालय नहीं है।

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को खुले में शौच मुक्त घोषित किया है। मगर वास्तविकता में अभी कोई भी गांव खुले में शौच मुक्त नहीं हो सका है। इस पर शासन ने अब गांवों में शहरों की तरह सामुदायिक शौचालय बनवाने का निर्णय लिया है। खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) के लिए एक और बड़ी योजना सरकार शुरू करेगी। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के तहत सभी गांवों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। जिले के सभी 1637 गांवों में लगभग 33 करोड़ रुपये से कम्यूनिटी टॉयलेट बनाए जाएंगे। जिन बड़े गांवों में आधा दर्जन से ज्यादा मजरे हैैं वहां तीसरे और चौथे चरण के तहत दो-दो और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा। पहले चरण में हर गांव में एक-एक और दूसरे चरण में प्रत्येक गांव में दो-दो सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा। 

दो लाख रुपये का बजट जारी

प्रत्येक कम्यूनिटी टॉयलेट के लिए दो लाख रुपये का बजट जारी हुआ है। इसमें महिला व पुरुष के लिए दो-दो टॉयलेट होंगे। एक पानी की टंकी, वॉश बेसिन व पानी के लिए समर्सिबल पंप भी लगेगा। इस संबंध में डीपीआरओ रेनू श्रीवास्तव का कहना है कि इस योजना के तहत सरकार अब गांवों में योजनाबद्ध तरीके से सामुदायिक शौचालय बनाएगी। सामुदायिक शौचालयों की देखरेख ग्राम पंचायतें ही करेंगी। गांवों में तैनात सफाई कर्मी के हाथों इसके संचालन की जिम्मेदारी होगी। इसके रखरखाव पर आने वाला खर्च मनरेगा के बजट दिया जाएगा। भोर में चार बजे से रात के 10 बजे तक ये कम्यूनिटी टॉयलेट संचालित होंगे। यहां सफाई कर्मी के साथ ही मनरेगा के बजट से ही दो मजदूर भी तैनात किए जाएंगे।

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