ग्रह, नक्षत्रों के बारे में जानने का शौक रखते हैं तो आइये जवाहर तारामंडल Prayagraj News
जवाहर प्लेनेटेरियम अथवा तारामंडल की स्थापना वर्ष 1979 में आनंद भवन परिसर में हुई थी जो एक समय नेहरू परिवार का निवास था। तारामंडल का संचालन और देखरेख जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड की ओर से किया जाता है।
प्रयागराज, जेएनएन। पृथ्वी, ब्रम्हांड, सौर मंडल, चांद-तारे, ग्रह-नक्षत्र, उल्का पिंड हमेशा से आमजन के लिए कौतुहल का विषय रहे हैं। इनका निर्माण कैसे हुआ या हमारे जन-जीवन पर इनका क्या प्रभाव पड़ता है, आसमान में इन्हें कैसे पहचान सकते हैं आदि की जानकारी लेना हो तो जवाहर तारामंडल (प्लेनेटेरियम) आइये ना।
आनंद भवन प्रांगण में है स्थापित :
जवाहर प्लेनेटेरियम अथवा तारामंडल की स्थापना वर्ष 1979 में आनंद भवन परिसर में हुई थी जो एक समय नेहरू परिवार का निवास था। तारामंडल का संचालन और देखरेख जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड की ओर से किया जाता है।
पं.नेहरू की जन्मतिथि पर खास आयोजन :
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जन्मतिथि 14 नवंबर को प्लेनेटेरियम में विशेष आयोजन होते हैं। जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल लेक्चर के अलावा सौर मंडल और ग्रह-नक्षत्रों की जानकारी देने को विशेष सत्र आयोजित किए जाते हैं। गर्मी की छुट्टियों में भी खास विषयों पर आयोजन किए जाते हैं।
रोज 40 मिनट का होता है प्रोग्राम :
तारामंडल में रोजाना पांच शो आयोजित किए जाते हैं। एक शो 40 मिनट का होता है जिसमें समय-समय पर सौर मंडल और ब्रम्हांड से संबंधित विभिन्न विषयों की जानकारी दी जाती है।
बच्चों की हाईट देखकर प्रवेश :
तारामंडल में सामान्यत: बड़ी आयु के लोगों को एंट्री दी जाती है जो बातों को समझ सकें। बच्चों की एंट्री उनकी हाईट के अनुसार दी जाती है। फिलहाल वर्तमान में तीन फिट से अधिक लंबे बच्चों को ही यहां प्रवेश दिया जाता है। प्रोग्राम देखने के लिए यहां पर प्रति व्यक्ति 60 रुपये शुल्क भी लिया जाता है।
एक साथ 96 लोगों की है बैठकर देखने की क्षमता
जवाहर तारामंडल के मुख्य कक्ष में अभी कुल 96 लोग एक साथ बैठकर प्रोग्राम देख सकते हैं। शुरूआत में 80 लोग ही बैठ सकते थे। लोकप्रियता को देखते हुए बाद में सीटों में इजाफा किया गया। कोरोना संक्रमण के चलते अभी आधी सीटों पर ही प्रवेश दिया जा रहा है।
ग्रह, नक्षत्रों को जानने का बेहतर स्थान :
जवाहर तारामंडल के निदेशक डा. वाई किरन का कहना है ग्रह, नक्षत्रों के बारे में जानने और सीखने का यह बेहतर स्थान है। सौर मंडल में विचरण कर रहे ग्रहों के साथ ही उनका वजन, चाल, पहचान आदि के विषय में बताया जाता है। रात क्यों होती है, दिन क्यों होता है। चंद्र और सूर्य ग्रहण आदि कैसे लगते हैं आदि जैसे विषयों की भी जानकारी दी जाती है।
लाइव टेलीकॉस्ट भी किया जाता है :
ग्रहण या किसी खास आकाशीय घटना की जानकारी आमजन को देने के लिए तारामंडल की ओर से फेसबुक आदि पर लाइव टेलीकॉस्ट भी किया जाता है। इस साल जून माह में सूर्य ग्रहण का फेसबुक पेज पर सजीव प्रसारण किया गया था।