लगातार चौथे दिन भी रूठे सूर्यदेव, आसमान में छाए बादल और कांप रहे लोग Prayagraj News
मौसम विज्ञानी ने भले ही रविवार को मौसम साफ होने के आसार जताए थे लेकिन रविवार को भी आसमान में घने बादल छाए हैं। गलन भरी ठंड का वर्चस्व है।
प्रयागराज, जेएनएन। 'आखिर यह हो क्या रहा है? क्या प्रकृति हमसे रूठ गई है, सूर्यदेव कुपित हो गए हैं या फिर पर्यावरण असंतुलन की परिणति है'। कुछ ऐसे ही लफ्ज इन दिनों लोगों की जुबां पर हैं। लोग परेशान और हैरान हैं। और हों भी क्यों न, पिछले तीन दिन से सूर्यदेव के दर्शन जो नहीं हो रहे हैं। वहीं लगातार चौथे दिन रविवार को भी आसमान में घने और काले बादल छाए हुए हैं, अभी तक सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंची है। ऐसे में गलन भरी ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक लोग ठंड से कंपकंपा रहे हैं। अलाव से ठंड दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
मौसम विज्ञानी ने जताई थी आसमान साफ होने की उम्मीद
भले ही मौसम विज्ञानी ने रविवार को आसमान साफ होने के आसार जताए थे लेकिन अभी भी आसमान में घने बादलों का साम्राज्य कायम है। इससे यह अनुमान तो लगाया ही जा सकता है कि आज भी दिन भर बादलों को भेद कर सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंच सकती। गुरुवार को मौसम ने अचानक करवट ले ली थी। उसी रोज शाम से बारिश शुरू हो गई थी जो शुक्रवार सुबह तक होती रही। दिन भर बारिश थमी लेकिन देर रात फिर झमाझम बरसात हुई थी। शनिवार को बादल छाए रहे। सुबह पूरब की हवाएं चलने से वायुमंडल में नमी बनी रही। यही हाल रविवार को भी बना है। ठंडी हवाओं ने गलन बढ़ा दी है।
दो दिनों का तापमान इस प्रकार रहा
शुक्रवार को अधिकतम तापमान 20 और न्यूनतम पारा 16 डिग्री सेल्सियस था जो शनिवार को क्रमश: बढ़कर 20.8 और 16.5 डिग्री सेल्सियस हो गया। मौसम विज्ञानी प्रो. सविंद्र सिंह ने बताया कि दो दिनों से दक्षिणी-पूर्वी हवाएं चल रही थीं। शनिवार सुबह से पूरब की हवाएं चलने लगीं। पछुआ हवा चलने पर ही मौसम पूरी तरह साफ होगा।