Chinmayanand Case : हाई कोर्ट ने चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने के एक और आरोपित को दी जमानत
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने के आरोपित विक्रम उर्फ दुर्गेश की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करने के आरोपित विक्रम उर्फ दुर्गेश की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने दिया है।
जमानत अर्जी पर अधिवक्ता बीएन मिश्र, आरबी मिश्र व सचिन मिश्र ने बहस की। शाहजहांपुर के याची पर आरोप है कि उन्होंने दुष्कर्म पीड़ित एलएलएम छात्रा के साथ मिलकर स्वामी चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करके पांच करोड़ रुपये मांगा है। मामले में आरोपित 20 सितंबर, 2019 से जेल में बंद है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि सह अभियुक्त सचिन का चचेरा भाई है। इस अपराध में उसकी कोई भूमिका नहीं है, फिर भी उसे फंसाया गया है। इससे पहले दुष्कर्म पीड़िता और सचिन की जमानत मंजूर हो चुकी है। उसके आधार पर याची की भी जमानत मंजूर कर ली गई है।
चिन्मयानंद समेत सभी आरोपित अभी जेल में
शाहजहापुर की एलएलएन छात्रा ने चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। छात्रा व उसके दोस्त संजय, सचिन, विक्रम पर चिन्मयानंद से पांच करोड़ की फिरौती मांगने का आरोप है। पिछले दिनों दुष्कर्म व यौन शोषण का आरोप लगाने के बाद छात्रा लापता हो गई थी। मामले में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद वह अपने दोस्त संजय के साथ राजस्थान के दौसा में 30 सितंबर को पुलिस को मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट की निगरानी में एसआइटी के गठन का आदेश दिया था। छह सितंबर को शाहजहांपुर पहुंची एसआइटी ने नए सिरे से जांच शुरू की तो परतें खुलती चली गईं। एसआइटी ने दुष्कर्म मामले में चिन्मयानंद को 20 सितंबर को गिरफ्तार किया और छात्रा के दोस्त संजय, सचिन, विक्रम को फिरौती मामले में उसी दिन गिरफ्तार किया, जबकि छात्रा को भी फिरौती मामले में 25 सितंबर को गिरफ्तार किया। अभी सभी आरोपित जेल में हैं।