अपहरण कर मारे गए बालक का नहीं मिला शव, पुलिस सख्ती से टूटा आरोपित, कबूला एक नाम
एक दिन बाद अंकित कहने लगा कि उसे घर जाना है। जब उसे रोका गया तो वह घर जाने की जिद करने लगा जिस पर उसकी पिटाई की गई थी। अंकित ने यह भी कहा था कि वह अपनी माता-पिता और मामा को पूरी बात बताएगा। उसकी हत्या की गई।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के सरायइनायत थाना क्षेत्र के अंदावा जैन मंदिर के पास रहने वाले टेंपो चालक मूलचंद्र बिंद के 12 वर्षीय पुत्र अंकित की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अब तक बालक का शव बरामद नहीं हो सका है। पुलिस ने मुख्य आरोपित से सख्ती से एक बार फिर पूछताछ की तो उसने अपने बहनोई का नाम कबूला। कहा कि इस पूरी वारदात में उसका बहनोई भी शामिल था। लाश को ठिकाने लगाने में वह भी साथ में था। उसे ही मीरजापुर के ड्रमंडगंज पहाड़ी के जंगल के बारे में जानकारी थी। बस इतनी जानकारी पुलिस के लिए काफी थी और फिर कुछ ही घंटे बाद उसे हिरासत में ले लिया गया। पुलिस को पूरी उम्मीद है कि मुख्य आरोपित के बहनोई की निशानदेही पर भी जंगल में फेंकी गई अंकित की लाश बरामद होगी।
गिरफ्तारी के डर से कर दी अंकित की हत्या
मुख्य आरोपित ने पुलिस को बताया कि वह अंकित के ननिहाल जियाराम का पूरा बारा में ट्रैक्टर चलाता था। जिस कारण अंकित उसे जानता था। 19 अगस्त को उसे अगवा कर उसके ननिहाल के पास ही एक मकान में रखा। एक दिन बाद अंकित कहने लगा कि उसे घर जाना है। जब उसे रोका गया तो वह घर जाने की जिद करने लगा, जिस पर उसकी पिटाई की गई थी। अंकित ने यह भी कहा था कि वह अपनी माता-पिता और मामा को पूरी बात बताएगा।
70 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी
मुख्य आरोपित जानता था कि अंकित की वजह से वह फंस सकता है, जिस कारण उसने साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। लाश ठिकाने लगाने के बाद उसने अंकित के पिता को फोन कर पहले 70 लाख रुपये की फिरौती मांगी और जब मूलचंद्र ने इतने रुपये न होने की बात कही तो उसने 30 लाख रुपये ही पहुंचाने को कहा था।