चंद्रदेव राय बने अध्यक्ष और जीएन सिन्हा सेक्रेटरी जनरल, जजेज (सेवानिवृत्त) वेलफेयर एसोसिएशन का गठन

भविष्य में सदस्यता विस्तार के साथ आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए प्रभावी प्रयास करने और कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होने पर जगह जगह कानूनी साक्षरता शिविर आयोजित कर जनसामान्य में कानूनी जागृति के प्रयास करने का निर्णय भी लिया गया।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 06:30 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 06:30 AM (IST)
चंद्रदेव राय बने अध्यक्ष और जीएन सिन्हा सेक्रेटरी जनरल, जजेज (सेवानिवृत्त) वेलफेयर एसोसिएशन का गठन
संयोजक न्यायमूर्ति आलोक कुमार मुखर्जी की चुनाव समिति की देखरेख में चुनाव संपन्न हुए

प्रयागराज, विधि संवाददाता। चंद्रदेव राय को जजेज (सेवानिवृत्त) वेलफेयर एसोसिएशन का अध्यक्ष और जीएन सिन्हा को सेक्रेटरी जनरल चुना गया है। टूरिस्ट बंगलो में सोमवार को एबी शुक्ल की अध्यक्षता में मकसूद अहमद एवं संयोजक न्यायमूर्ति आलोक कुमार मुखर्जी की चुनाव समिति की देखरेख में चुनाव संपन्न हुए। अन्य पदाधिकारियों में एबी शुक्ल, पीडी कौशिक एवं मकसूद अहमद संरक्षक, जनार्दन सिंह सेक्रटरी, टीएम खान उपाध्यक्ष, एके निगम कोषाध्यक्ष व राजेन्द्र प्रसाद आडीटर बनाए गए। न्यायमूर्ति एके मुखर्जी, न्यायमू्र्ति आरएल मेहरोत्रा, एसपी मिश्र, एजी लाल एवं यूसी तिवारी कार्यकारिणी सदस्य और आरएस चौबे, प्रेम सिंह, अरुण प्रकाश, एमपी यादव व ओंकार सिंह विशेष आमंत्रित सदस्य चुने गए। भविष्य में सदस्यता विस्तार के साथ आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए प्रभावी प्रयास करने और कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होने पर जगह जगह कानूनी साक्षरता शिविर आयोजित कर जनसामान्य में कानूनी जागृति के प्रयास करने का निर्णय भी लिया गया। एसोसिएशन के पंजीकरण नवीनीकरण में एके निगम के सार्थक योगदान की सराहना की गई।

क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को सेवा नियमित करने पर निर्णय लेने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्नात्कोत्तर महाविद्यालय इटावा में कार्यरत लिपिक की सेवा नियमित करने पर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कानपुर नगर को यथाशीघ्र निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याची को दो हफ्ते में अपना प्रत्यावेदन देने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने शैलेश कुमार सैनी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

याचिका पर अधिवक्ता धनंजय कुमार ने बहस की। इनका कहना था कि याची से कनिष्ठ कर्मचारियों को नियमित कर दिया गया है किन्तु उसकी सेवा नियमित नहीं की जा रही है।

याचिका में सेवा नियमित करने और बकाये देयों का भुगतान 18 फीसदी व्याज के साथ करने की मांग की गई थी।

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