UP Chunav 2022: राजा भैया के जनसत्ता दल के सामने पहले चुनाव में खाता खोलने की चुनौती

UP Chunav 2022 राजा भैया अब तक पूर्वांचल व पश्चिम इलाके में रैली कर चुके हैं। उनके सामने पार्टी का खाता खोलने की चुनौती है। यह पहला चुनाव होगा जब पूर्व मंत्री किसी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे और लड़ाएंगे भी।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 07:00 AM (IST)
UP Chunav 2022: राजा भैया के जनसत्ता दल के सामने पहले चुनाव में खाता खोलने की चुनौती
लोकसभा चुनाव में दो सीटों पर उतारे गए प्रत्याशियों को मिली थी शिकस्त

दिनेश सिंह, प्रतापगढ़। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के सामने पहले विधानसभा चुनाव में खाता खोलने की चुनौती है। हालांकि इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह लगातार छह बार से विधायक हैं, अभी तक वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते रहे हैं। प्रदेश के अगले चुनाव में अपनी ताकत दिखाने के लिए पार्टी सक्रिय है।

समाजवादी पार्टी से दूरी बनने के बाद वर्ष 2018 में पार्टी का हुआ था गठन

जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने वर्ष 1993 में राजनीति में कदम रखा था। वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे और तब से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ही चुनाव लड़ते आ रहे हैं। इसके बाद वर्ष 1996 में वह कुंडा और उनके समर्थक रामनाथ सरोज बिहार (अब बाबागंज) से चुनाव लड़े थे। फिर वर्ष 2002 में दोनों सीटों पर भाजपा ने उन्हें समर्थन दिया था और दोनों सीटों पर कामयाबी मिली थी। इसके बाद वर्ष 2004 में राजा भैया सपा के साथ हो गए थे और वर्ष 2007, 2012 व 2017 में कुंडा व बाबागंज सीट पर सपा ने उन्हें समर्थन दिया था। वर्ष 1993 से कुंडा सीट पर राजा भैया और बाबागंज सीट (पहले बिहार) पर वर्ष 1996 से राजा भैया के समर्थक का कब्जा है। वर्ष 2018 में सपा से दूरी बनने के बाद राजा भैया ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का गठन किया। इस पार्टी से वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रतापगढ़ सीट से एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह और कौशांबी सीट पर पूर्व सांसद शैलेंद्र कुमार को उतारा गया, इन दोनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशी से शिकस्त का सामना करना पड़ा।अब सूूबे का विधानसभा चुनाव नजदीक है, इसमें कामयाबी हासिल करने के लिए जनसत्ता दल ने कवायद शुरू कर दी है।

राजा भैया के सामने खाता खोलने की है चुनौती

राजा भैया अब तक पूर्वांचल व पश्चिम इलाके में रैली कर चुके हैं। उनके सामने पार्टी का खाता खोलने की चुनौती है। यह पहला चुनाव होगा, जब पूर्व मंत्री किसी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे और लड़ाएंगे भी। इसके लिए पार्टी के रणनीतिकारों ने उनके नेतृत्व में सितंबर से अक्टूबर माह के बीच प्रदेश में चार यात्राएं निकाल आगामी विधानसभा में मजबूती से उतरने का खम ठोंक दिया। प्रदेश में अपनी पार्टी का कद बढ़ाने के लिए राजा भैया की पहली यात्रा प्रतापगढ़ से अयोध्या, दूसरी यात्रा लखनऊ से झांसी और तीसरी लखनऊ से आगरा और चौथी आगरा से नोएडा तक निकली। पार्टी के जिलाध्यक्ष राम अचल वर्मा की मानें तो इन चार यात्राओं से युवा मतदाता काफी प्रभावित हुए हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में पार्टी नया इतिहास गढ़ने जा रही है।

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