चाचर गेट भी बंद, दुआ करिए पानी न बरसे

इलाहाबाद में: गंगा-यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बख्शी बांध और मोरी गेट के बाद अब चाचर गेट को भी बंद कर दिया गया है। ऐसे में बारिश होगी तो दिक्कत और बढ़ जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 01:20 PM (IST) Updated:Wed, 12 Sep 2018 01:20 PM (IST)
चाचर गेट भी बंद, दुआ करिए पानी न बरसे
चाचर गेट भी बंद, दुआ करिए पानी न बरसे

जासं, इलाहाबाद : गंगा-यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने से शहर की जलनिकासी के मुख्य मार्गो को बंद कर दिया जा रहा है। पहले बख्शी बांध का गेट बंद किया गया। दो दिन पहले मोरी गेट बंद कर दिया गया। अब चाचर नाले का गेट भी बंद कर दिया गया। ऐसे में दुआ करिए कि शहर में बरसात न हो। वर्ना शहर को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ जाएगा।

शहर की जलनिकासी के लिए गंगा नदी पर बख्शी बांध एवं मोरी गेट और यमुना नदी पर चाचर नाला है। दोनों नदियों का लगातार जलस्तर बढ़ने पर अभी तक दो गेट बंद थे। मंगलवार को तीसरा गेट भी बंद हो गया। तीन गेट बंद होने पर सबसे बड़ी समस्या यह है कि जलनिकासी अब पंपों के माध्यम से ही होगा। अगर बारिश हो गई तो जलनिकासी की समस्या खड़ी हो जाएगी। अभी शहर के कई मोहल्ले बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं तो उसके बाद बारिश के पानी से भी कई मोहल्ले डूब जाएंगे।

जलकल विभाग के महाप्रबंधक राधे श्याम सक्सेना का कहना है कि दोनों नदियों का लगातार जलस्तर बढ़ने पर एहितयातन बख्शी बांध, मोरी गेट और चाचर नाले का गेट बंद कर दिया गया है। यहां पर पंपों से लगातार पानी नदी में छोड़ा जा रहा है। जब तक बारिश नहीं होती है, तब तक परेशानी नहीं होगी। बारिश होने पर भी जलनिकासी में कोई दिक्कत न आए, इसके लिए सभी पंपों को तैयार रखा गया है। जरूरत के अनुसार बिजली और डीजल के पंपों को चलाया जाएगा।

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प्रतियोगी छात्रों ने छोड़ा शहर, पलायन तेज :

शहर में बाढ़ की समस्या के साथ ही विभिन्न इलाकों में रहने वाले प्रतियोगी छात्र पलायन कर रहे हैं। अपना सामान दूसरे दोस्तों के कमरे पर रखकर घर चले जा रहे हैं। जिनके मकान पानी में डूब गए हैं, उन्होंने पहली मंजिल पर ठिकाना बना लिया है, ताकि अपने घर और सामान की सुरक्षा कर सकें। बाढ़ के कारण शहर के निचले इलाकों में पानी, बिजली और खाने-पीने की दिक्कत बढ़ गई है। गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने पर दारागंज में दशाश्वमेध घाट, सब्जी मंडी, बक्शी बांध, नागवासुकि मंदिर के पास निचले हिस्से में स्थित मकान और झोपड़ियों में बाढ़ का पानी घुस गया है। छोटा बघाड़ा, ढरहरिया, शिवकुटी, शंकरघाट, नारायण आश्रम, रसूलाबाद, गऊघाट जोधवल गांव के सैकड़ों घर डूब गए हैं। चांदपुर, सलोरी, कैलाशपुरी, ओम गायत्री नगर, बेली कछार, गंगा नगर, नेवादा, ऊंचवागढ़ी, बेली कालोनी, राजापुर, बड़ा बघाड़ा, म्योराबाद, नया पुरवा, बलुआघाट, सदियापुर, दरियाबाद, करैलाबाग और धूमनगंज के कछारी मुहल्लों में बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है।

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अलार्मिग प्वाइंट के करीब गंगा-यमुना

इलाहाबाद में जिस गति से जलस्तर बढ़ रहा है, उससे गंगा व यमुना का जलस्तर अलार्मिग जोन को पार कर जाएगा। प्रशासन ने 83.7 मीटर को अलार्मिग प्वाइंट माना है। मंगलवार की रात आठ बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक गंगा का जलस्तर 83.10 मीटर व यमुना का जलस्तर 82.90 मीटर तक पहुंच गया था। सैकड़ों परिवारों के बाढ़ के पानी से घिरने के कारण प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। मंगलवार की शाम चार बजे तक गंगा के जलस्तर में करीब 11 सेंटीमीटर तक बढ़ोतरी हुई। यह गति प्रति घंटे करीब तीन सेंटीमीटर रही। रात आठ बजे तक गंगा व यमुना दोनों नदियों में पानी बढ़ने की गति थोड़ी धीमी हो गई। रात तक प्रति घंटे एक सेंटीमीटर तक पानी में बढ़ोतरी होती रही। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता मनोज सिंह ने बताया कि रींवा क्षेत्र में बारिश के थमने के कारण यमुना के जलस्तर की बढ़त धीमी हुई है। यमुना का जलस्तर 82.06 मीटर तक सोमवार को पहुंच गया था जोकि मंगलवार को बढ़कर शाम आठ बजे तक 82.90 हो गया था। लगातार बढ़ रहे पानी ने कछारी क्षेत्रों में सैकड़ों नए घरों को अपनी जद में ले लिया है। फिलहाल अभी जलस्तर में कमी के आसार नहीं हैं।

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