CDO Pratapgarh ने नियम विरुद्ध भुगतान करने के मामले में ग्राम सचिव को किया तलब

स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर लाखों रुपये भुगतान के मामले में सीडीओ सख्त हो गए हैं। दैनिक जागरण में मंगलवार के अंक में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए नोटिस जारी कर तलब किया है। विभिन्न मदों में किए गए भुगतान की रिपोर्ट ग्राम पंचायतवार मांगी गई है

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 05:34 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 05:34 PM (IST)
CDO Pratapgarh ने नियम विरुद्ध भुगतान करने के मामले में ग्राम सचिव को किया तलब
पहले की तैनाती वाले गांवों में किए गए भुगतान की भी मांगी गई जांच रिपोर्ट

प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। रोक के बावजूद स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर लाखों रुपये का भुगतान करने के मामले में सीडीओ सख्त हो गए हैं। दैनिक जागरण में मंगलवार के अंक में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए नोटिस जारी कर तलब किया है। आरोपित सचिव जिन-जिन गांवों में तैनात रहा। उन समयों में विभिन्न मदों में किए गए भुगतान की रिपोर्ट ग्राम पंचायतवार मांगी गई है। अफसरों ने इशारा किया है कि इस मामले में आरोपित का निलंबन होना तय है। अफसरों की सख्ती से आरोपित कर्मियों में खलबली मची हुई है।

स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर किया भुगतान

जनपद के मंगरौरा ब्लाक के शाहपुर गांव में स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर दो लाख 34 हजार से अधिक रुपये का भुगतान कर दिया गया। गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाने पर साल भर पहले से रोक लगी है। गाइड लाइन है कि अगर दो लाख रुपये से अधिक का भुगतान ग्राम पंचायत एजेंसी पर करती है तो उसके पहले ही संबंधित ब्लाक के एडीओ पंचायत की संस्तुति जरूरी है। हालांकि गांव के प्रधान व सचिव जावेद अहमद द्वारा मनमाने तरीके से भुगतान किए जाने के मामले में जांच शुरू हो गई है।

जागरण की खबर ने उजागर किया फर्जीवाड़ा

दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित हुई तो इसे सीडीओ समेत अफसरों ने इसे संज्ञान में ले लिया। नोटिस भी जारी हो चुकी है। आरोपित सचिव पर कार्रवाई करने का अफसरों ने इरादा बना लिया है। आरोपित सचिव पहले भी गबन के मामले में निलंबित रह चुका है। नियम के विपरीत भुगतान करने के मामले में उसके विरुद्ध फिर से जांच शुरू हो गई है। सीडीओ प्रभाष कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। सच तो यह है  कि ग्राम पंचायत स्तर पर कई तरह की गड़बड़ी होती रहती है और अगर अधिकारी सख्त रूख अपना लें तो इसमें कमी आ सकती है।

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