CBSE Exam : हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा 15 फरवरी से, 30 अप्रैल तक नतीजा आएगा Prayagraj News

सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी का प्रयागराज दौरा हुआ। उन्‍होंने सीबीएसई की हाईस्‍कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा तिथि की जानकारी दी। वहीं 30 अप्रैल से पहले रिजल्‍ट की भी बात कही।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 12:32 PM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 03:39 PM (IST)
CBSE Exam : हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा 15 फरवरी से, 30 अप्रैल तक नतीजा आएगा Prayagraj News
CBSE Exam : हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा 15 फरवरी से, 30 अप्रैल तक नतीजा आएगा Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजूकेशन (सीबीएसई) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाएं इस बार 15 फरवरी से शुरू होंगी और 30 अप्रैल के पहले नतीजे भी घोषित कर दिए जाएंगे। परीक्षा कार्यक्रम को जल्द ही जारी कर दिया जाएगा।

सीबीएसई के सचिव ने कहा, 'टीचिंग लर्निंग प्रोसेस' बच्चों के विकास में फायदेमंद

महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर (एमपीवीएम) के वार्षिकोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने पहुंचे सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने यह जानकारी दी। उन्होंने नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि 'टीचिंग लर्निंग प्रोसेस' बच्चों के विकास के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। वोकेशनल कोर्सेस को भी बढ़ावा देने के लिए प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि यहां वोकेशनल कोर्स को मजदूर एवं श्रम से जोड़कर देखा जाता है, जबकि विदेशों में ऐसा नहीं है। नई शिक्षा नीति में सैकड़ों रोजगारपरक कोर्स शामिल किए गए हैं।

कहा, रटने के बजाय रचनात्मक और मौलिक प्रश्न रखे जाएंगे

सीबीएसई के सचिव ने कहा कि सातवीं, आठवीं के बच्चों में गणितीय प्रतिभा नहीं होती। बच्चों की शारीरिक और मानसिक विकास के लिए टीचिंग लर्निंग प्रोसेस की भी व्यवस्था की गई है। किताबों को रोचक कैसे बनाया जाए, इस पर पूरा ध्यान दिया गया है। 2023 तक सीबीएसई को अपने सभी पैटर्नों को बदलने के निर्देश हैं। इसमें रटने के बजाय रचनात्मक और मौलिक प्रश्न रखे जाएंगे ताकि बच्चा मनन करके उसका जवाब दे सके। रचनात्मक जवाब देने वाले बच्चों को गुरुजी द्वारा अच्छे अंक देने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। 

शिक्षकों में सुधार के लिए भी ट्रेनिंग होगी

सचिव ने बताया कि कैसे अच्छे शिक्षक आएं, इस दिशा में भी नई शिक्षा नीति में पहल हुई है। वेतन और प्रोफेशन को लेकर इसमें अच्छी बातें हैं। ट्रेनिंग का भी इसमें प्रावधान है ताकि शिक्षक नई जानकारियों से अपडेट होते रहें।

फीस स्ट्रक्चर को वेबसाइट पर जारी करने के हैं निर्देश

स्कूलों में मनमानी फीस से जुड़े सवाल पर सचिव ने कहा कि सरकारी और गैर सरकारी दो तरह के विद्यालय हैं। प्राइवेट विद्यालयों को इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधा के हिसाब से फीस तय करने का सर्कुलर जारी किया गया है। जरूरत से ज्यादा फीस लेने पर राज्य सरकार इसे नियंत्रित कर सकती है। करीब 23 हजार स्कूल बोर्ड से जुड़े हैं, इसलिए निगरानी संभव नहीं है। हालांकि स्कूलों को फीस स्ट्रक्चर, वार्षिक कैलेंडर और शिक्षकों की योग्यता संबंधी विवरण वेबसाइट पर जारी करने के निर्देश हैं। शिकायत पर कार्रवाई की जाती है।

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