Narendra Giri Case में सीडीआर और लोकेशन के आधार पर जांच बढ़ा रही CBI

पता लगाया जा रहा है कि एडीजी आइजी एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों ने एसआइटी को क्या-क्या सुझाव दिया गया था और कितना अमल हुआ था। परिस्थितिजन्य जुटाए गए साक्ष्य और वैज्ञानिक साक्ष्य मेल खा रहे हैं अथवा उसमें अंतर मिल रहा है। इसकी भी छानबीन चल रही है।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 11:13 AM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 11:13 AM (IST)
Narendra Giri Case में सीडीआर और लोकेशन के आधार पर जांच बढ़ा रही CBI
सीबीआइ ने 50 से अधिक लोगों की निकलवाई है काल डिटेल रिपोर्ट

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) अब काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) और लोकेशन के आधार पर विवेचना को आगे बढ़ा रही है। मठ, मंदिर और महंत से जुड़े करीब 50 से अधिक लोगों के मोबाइल की सीडीआर निकलवाई गई है। इसमें कतिपय की भूमिका को संदिग्ध भी मानी जा रही है। जांच एजेंसी वैज्ञानिक साक्ष्यों का विश्लेषण कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी।

परिस्थितिजन्य और वैज्ञानिक साक्ष्यों की तुलना

उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ उन तथ्यों पर भी छानबीन कर रही है, जिस पर पुलिस और विशेष जांच दल (एसआइटी) के अधिकारियों ने ठीक ढंग से गौर नहीं किया था। घटना की सूचना मिलने के बाद से लेकर घटनास्थल की स्थिति को समझना, प्रारंभिक जांच, सेवादार व अभियुक्तों के बयान, जार्जटाउन में मुकदमा दर्ज होने के बाद उठाए गए कदम के वक्त कहां-कहां खामी रह गई थी, इसका भी बारीकी से अध्ययन किया था। यह भी पता लगाया जा रहा है कि एडीजी, आइजी, एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों ने एसआइटी को क्या-क्या सुझाव दिया गया था और कितना अमल हुआ था। परिस्थितिजन्य जुटाए गए साक्ष्य और वैज्ञानिक साक्ष्य मेल खा रहे हैं अथवा उसमें अंतर मिल रहा है। इसकी भी छानबीन चल रही है।

कितना विरोधाभास है बयानों में

सूत्रों का दावा है कि महंत को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपित आनंद गिरि, पूर्व पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप ने जो बयान एसआइटी को दिए थे, वहीं बात उन्होंने सीबीआइ के सामने कहीं है कि नहीं, इसका भी पता लगाया जा रहा है। अगर उनके बयानों में विरोधाभास है कि तो कितना और क्यों, यह तथ्य भी जांच का विषय है। फिलहाल कहा जा रहा है कि जांच एजेंसी जल्द ही इस मामले की विवेचना को समाप्त करके मामला सीबीआइकोर्ट में लेकर जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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