डीआरएम कार्यालय में CBI ने की पूछताछ, रेलवे कर्मचारियों के वेतन के पैसे का हुआ था गबन

डीआरएम कार्यालय में कार्मिक विभाग के कर्मचारियों के वेतन के नाम पर 1.45 करोड़ रुपये भेजे गए थे। इसमें से एक करोड़ रुपये का गबन हो गया था। पैसे को अलग-अलग खाते में भेजा गया था ताकि जांच होने पर मामला पकड़ में न आए।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 01:35 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 01:35 PM (IST)
डीआरएम कार्यालय में CBI ने की पूछताछ, रेलवे कर्मचारियों के वेतन के पैसे का हुआ था गबन
डीआरएम कार्यालय में दो साल पुराना है एक करोड़ रुपये का गबन का मामला

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कार्यालय में एक करोड़ रुपये के गबन के मामले में सीबीआइ की टीम ने आकर अब एकाउंट और पर्सनल विभाग के कर्मचारियों से पूछताछ की है। सहायक कर्मिक अधिकारी लवकुश समेत कई से एक-एक पहलु पर विस्तृत चर्चा की। जुलाई 2021 के बाद एक बार फिर से सीबीआइ की टीम के डीआरएम कार्यालय में आने पर रेल कर्मियों में खलबली मची रही। इस घोटाले में शामिल रहे अफसरों और कर्मचारियों की गर्दन सीबीआइ जांच में फंसनी तय है।

कर्मचारियों के वेतन की रकम में किया था घोटाला

डीआरएम कार्यालय में कार्मिक विभाग के कर्मचारियों के वेतन के नाम पर 1.45 करोड़ रुपये भेजे गए थे। इसमें से एक करोड़ रुपये का गबन हो गया था। पैसे को अलग-अलग खाते में भेजा गया था, ताकि जांच होने पर मामला पकड़ में न आए। मगर गबन की जांच की जब परतें खुलना शुरू हुई तो धीरे-धीरे कई लोग इसकी जद में आ गए। बाद में सीबीआइ ने लवकुश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। चार महीने पहले जब सीबीआइ आइ थी तो कई रेल कर्मियों से पूछताछ की थी। जो जानकारी पूछताछ में मिली थी। उसकी जांच पड़ताल की गई। उसके के आधार पर आगे की जांच हो रही है। इसी को लेकर शनिवार को टीम डीआरएम कार्यालय आई थी।

डीआरएम बोले, जांच जारी है तो आती रहती है टीम

डीआरएम मोहित चंद्रा का कहना है कि सीबीआइ मामले की जांच कर रही है तो पूछताछ के लिए आती रहती है। जांच टीम को पूरा सहयोग किया जा रहा है। उधर, सीबीआइ टीम की जांच के दौरान इस प्रकरण से जुड़े कर्मचारियों में घबराहट बनी रही। जो इस घोटाले में नहीं भी शामिल हैं उनमें भी इस बात की चिंता है कि इस प्रकरण में सीबीआइ कहीं उनसे भी पूछताछ नहीं करे। खासतौर पर उस शाखा के कर्मचारी और अधिकारी फिक्रमंद है जिस शाखा से रकम का घोटाला किया गया है। सच तो यह है कि डीआरएम कार्यालय के कर्मचारी चाहते हैं कि यह जांच जल्दी पूरी हो ताकि दोषी को सजा मिले और बाकी कर्मचारी राहत की सांस लें।

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