Narendra Giri Death Case में सीबीआइ को नहीं मिली नार्को टेस्ट कराने की इजाजत

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आनंद गिरि आद्या प्रसाद तिवारी व उसके बेटे संदीप तिवारी से टेस्ट के लिए सहमति के संबंध में सवाल किया। तीनों आरोपितों ने नार्काे टेस्ट कराने की सहमति नहीं दी बल्कि इन्कार किया और कहा कि यह परेशान करने वाली कार्रवाई है

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 07:26 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 07:26 PM (IST)
Narendra Giri Death Case में सीबीआइ को नहीं मिली नार्को टेस्ट कराने की इजाजत
अदालत ने खारिज की अर्जी, अभियुक्तों की न्यायिक अभिरक्षा 30 अक्टूबर तक बढ़ी

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु मामले में सीबीआइ को सीजेएम कोर्ट से नार्को टेस्ट कराने की इजाजत नहीं मिली। अदालत ने सीबीआइ की अर्जी को खारिज कर दिया। साथ ही आनंद गिरि समेत तीनों आरोपितों की न्यायिक अभिरक्षा की अवधि को 30 अक्टूबर तक बढ़ा दी।

अभियुक्त बोले, परेशान करने वाली कार्रवाई है यह

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरेंद्र नाथ ने सीबीआइ की अर्जी पर अभियोजन अधिकारी एवं आरोपितों के अधिवक्ता विजय द्विवेदी तथा सुधीर कुमार श्रीवास्तव के तर्कों को सुन कर अभियुक्तों की सहमति नहीं होने पर अर्जी खारिज की। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी व उसके बेटे संदीप तिवारी से टेस्ट के लिए उनकी सहमति के संबंध में सवाल किया। तीनों आरोपितों ने नार्काे टेस्ट कराने की सहमति नहीं दी, बल्कि उससे इन्कार किया और कहा कि यह उन्हें परेशान करने वाली कार्रवाई है। वहीं दूसरी ओर कोर्ट ने सीबीआइ की उस अर्जी को स्वीकार कर लिया, जिसमें कहा गया था कि विवेचना पूरी नहीं हो सकी है। इसलिए तीनों आरोपितों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल में रहने की अवधि को बढ़ा दिया जाए। इसे स्वीकार कर कोर्ट ने आनंद गिरि समेत तीनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत 30 अक्टूबर तक बढा दी। सीबीआइ की ओर से 12 अक्टूबर को सीजेएम कोर्ट में नार्को टेस्ट कराने की अर्जी दी गई थी। अर्जी पर आरोपित का पक्ष रखने के लिए उनके अधिवक्ता ने समय मांगा था, जिस पर सोमवार की तिथि नियत की गई थी।

अब क्या कदम उठाएगी सीबीआइ

20 सितंबर को अल्लापुर स्थित श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के अतिथि कक्ष में महंत नरेंद्र गिरि का शव फंदे से लटका पाए जाने के बाद आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा लिखकर आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी तथा संदीप तिवारी को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआइ ने जांच हाथ में लेने पर उन तीनों से पूछताछ की थी लेकिन तीनों खुद को बेकसूर ही बताते रहे। आनंद गिरि ने भी ऐसे किसी अश्लील फोटो या वीडियो की जानकारी से इन्कार किया जिस के बारे में महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट में लिखा था। ऐसे में सीबीआइ ने नार्को टेस्ट कराने का फैसला किया ताकि आनंद से सच उगलवाया जा सका लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। अब ऐसे में देखने वाली बात है कि आखिर अब सीबीआइ आनंद की कारगुजारी जानने के लिए क्या कदम उठाएगी।

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