कोरोना मरीज के इलाज में मनमाना बिल वसूली पर प्रयागराज में नर्सिम होम संचालक के खिलाफ मुकदमा

कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के नाम पर मनमाना बिल वसूली से लोग परेशान हैं और अब प्रशासन की ओर से भी ऐसे मामलों में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। शहर के ओझा अस्पताल संचालक के खिलाफ शनिवार को थाना जार्जटाउन में मुकदमा कायम हो गया।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 10:23 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 10:23 PM (IST)
कोरोना मरीज के इलाज में मनमाना बिल वसूली पर प्रयागराज में नर्सिम होम संचालक के खिलाफ मुकदमा
कोविड-19 में जिले में किसी अस्पताल के खिलाफ हुई पहली एफआइआर, संक्रमित की एक ही जांच दिन में दो बार

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के नाम पर मनमाना बिल वसूली से लोग परेशान हैं और अब प्रशासन की ओर से भी ऐसे मामलों में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। शहर के ओझा अस्पताल संचालक के खिलाफ शनिवार को थाना जार्जटाउन में मुकदमा कायम हो गया। महिला मरीज किरन मिश्रा के प्रति अशोक मिश्रा की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट लिखी। इससे पहले अशोक की शिकायत पर जिलाधिकारी ने सीएमओ और सिटी मजिस्ट्रेट को अस्पताल भेजकर जांच कराई तो पता चला कि अस्पताल के डाक्टरों ने एक ही जांच एक दिन में दो बार कराई थी। कोविड संक्रमण काल में निजी अस्पतालों की मनमानी के खिलाफ जिले में यह पहला मुकदमा दर्ज हुआ है। उम्मीद है कि निजी अस्पताल संचालक अब तो अपने रवैये में सुधार करेंगे।

मरीज के पति को थमाया पौने चार लाख रुपये का बिल 

चांदपुर सलोरी निवासी अशोक मिश्रा ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी कि पत्नी किरन का इलाज ओझा कोविड अस्पताल में हो रहा है। अस्पताल प्रशासन ने शनिवार को उन्हें तीन लाख 77 हजार 226 रुपये का बिल थमा दिया। भुगतान के लिए उन्होंने इसे न्यूनतम करने का आग्रह किया। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने ढंग से बात तक नहीं की। इस शिकायत पर जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने सीएमओ डा. प्रभाकर राय और सिटी मजिस्ट्रेट रजनीश मिश्रा को फौरन ही ओझा अस्पताल भेजा। इन दोनों अधिकारियों ने मरीज के इलाज की फाइल व बिल को कब्जे में ले लिया। उसका परीक्षण किया तो पता चला कि अस्पताल ने शासन से निर्धारित दर से अधिक का पैकेज मरीज के बिल बाउचर पर लगाया था। दवाओं और चिकित्सक विजिट का चार्ज भी जरूरत से अधिक किया गया था। इसके अलावा एक ही जांच एक ही दिन में दो बार कराकर अतिरिक्त धनउगाही की जा रही थी।

महामारी अधिनियम का सरासर उल्लंघन 

सीएमओ ने बताया कि यह एपेडिमिक डिजीज एक्ट 1897 और उप्र महामारी कोविड-19 नियमावली 2020 व 13 अप्रैल को जारी शासनादेश का उल्लंघन है। उधर सीएमओ की सख्ती का आधार पाकर अशोक मिश्रा ने अस्पताल संचालक डा. एलएस ओझा के खिलाफ जार्जटाउन थाने में तहरीर दे दी। थानाध्यक्ष शिशुपाल शर्मा ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपित डा. एलएस ओझा का कहना है कि आरोप गलत लगाए गए हैं। वे भी अपनी तरह से लिखापढ़ी कर रहे हैं।

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