Allahabad High Court में गन्ना आयुक्त ने याची पर लगाया जानकारी सार्वजनिक करने का आरोप
गन्ना आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा दाखिल हलफनामे में याचिकाकर्ता बीएम सिंह पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कहा गया है कि याची जानबूझकर व्यक्तिगत तथा राजनीतिक लाभ के लिए न्यायिक प्रक्रिया की जानकारी प्रिंट इलेक्ट्रानिक मीडिया और इंटरनेट मीडिया में दे रहे हैं।
प्रयागराज, विधि संवाददाता। प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का बकाया मय ब्याज के भुगतान करने के मामले में गन्ना आयुक्त की ओर से हलफनामा दाखिल कर उठाए गए कदमों की जानकारी अदालत में दी गई। गन्ना आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा दाखिल हलफनामे में याचिकाकर्ता बीएम सिंह पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कहा गया है कि याची जानबूझकर व्यक्तिगत तथा राजनीतिक लाभ के लिए न्यायिक प्रक्रिया की जानकारी प्रिंट, इलेक्ट्रानिक मीडिया और इंटरनेट मीडिया में दे रहे हैं। इसकी वजह से किसानों में बेवजह आक्रोश पैदा होता है। इससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है।
अब 22 नवंबर को होगी सुनवाई
हाई कोर्ट ने हलफनामा रिकार्ड पर लेने के बाद मामले की सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तारीख नियत की है। न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने याचिका की सुनवाई की। हाई कोर्ट ने नौ मार्च को प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि वह गन्ना किसानों को पेराई सत्र 2012-2013, 2013-2014 व 2014-2015 के गन्ना मूल्य पर बकाया ब्याज का भुगतान करें। इस आदेश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका दाखिल की गई। अवमानना याचिका में कहा गया है कि कोर्ट के आदेश के ढाई साल बाद भी गन्ना किसानों को बकाया ब्याज का भुगतान नहीं किया गया है। याचिका पर कोर्ट ने प्रदेश सरकार से जानकारी मांगी थी। साथ ही कहा था भुगतान के मामले में सरकार के निर्णय की जानकारी लेकर कोर्ट को अवगत कराए। आदेश के अनुपालन में गन्ना आयुक्त की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि 25 मार्च 2019 को सभी पक्षों को सुनने के बाद इस संबंध में आदेश पारित कर दिया है। इस प्रकार से हाई कोर्ट के आदेश अनुपालन कर दिया गया है। अब प्रकरण सरकार के समक्ष विचाराधीन है। कहा गया कि अवमानना याचिका को जनहित याचिका में तब्दील करने का प्रयास किया जा रहा है। इसे एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश हो रही है।