नौ महीने से नियुक्ति के लिए भटक रहे चयनित, राजकीय डिग्री कालेजों में प्रवक्ता पद पर हुए थे चयनित

चयनित अभ्यर्थियों में नाराजगी व्याप्त है। वहीं उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज का कहना है कि शासन के निर्देशानुसार प्राचार्य व शिक्षकों का स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी करना हमारी प्राथमिकता है। इसके पूरा होते ही काउंसिलिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 29 Jun 2021 08:40 PM (IST) Updated:Tue, 29 Jun 2021 08:40 PM (IST)
नौ महीने से नियुक्ति के लिए भटक रहे चयनित, राजकीय डिग्री कालेजों में प्रवक्ता पद पर हुए थे चयनित
राजकीय डिग्री कालेजों में प्रवक्ता पद पर चयनित अभ्यर्थियों को नौ महीने बाद भी नियुक्ति नहीं मिली

प्रयागराज, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार का जोर भर्तियों जल्द पूरी करके युवाओं को अविलंब रोजगार मुहैया कराने पर है। लेकिन, कार्रवाई उसके अनुरूप नहीं हो रही है। स्थिति यह है कि राजकीय डिग्री कालेजों में प्रवक्ता पद पर चयनित अभ्यर्थियों को नौ महीने बाद भी नियुक्ति नहीं मिली। उच्च शिक्षा निदेशालय काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी करवाने में जुटा था कि इधर, प्राचार्य व शिक्षकों का स्थानांतरण कराने का निर्देश जारी हो गया। इससे काउंसिलिंग का काम रोककर स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। दोबारा काउंसिलिंग कब शुरू होगी उस पर अधिकारी खुलकर बोलने से बच रहे हैं।

सितंबर 2020 में 662 पद का रिजल्ट जारी हुआ

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने सीधी भर्ती के तहत 2017 में राजकीय डिग्री कालेजों के लिए विभिन्न विषयों में 712 प्रवक्ता पद के लिए आवेदन लिया था। अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा नवंबर 2019 में आयोजित हुई। जबकि सितंबर 2020 में 662 पद का रिजल्ट जारी हुआ। लेकिन, आयोग ने निदेशालय को 507 चयनितों की काउंसिलिंग कराने की संस्तुति भेजी है। इसमें काफी अभ्यर्थी सशर्त चयनित हैं। निदेशालय ने सारे अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग 21 जून को पूरी करवा लिया। लेकिन, नियुक्ति पत्र 211 का जारी किया। सशर्त चयनित अभ्यर्थियों से कालेज का विकल्प ले लिया गया है। लेकिन, शैक्षिक दस्तावेज न होने के कारण उसे मान्य नहीं किया गया। निदेशालय ने लोकसेवा आयोग से ऐसे अभ्यर्थियों के दस्तावेज मंगाकर नए सिरे से कालेज का आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दिया था। लेकिन, इधर प्राचार्य व शिक्षकों के स्थानांतरण का मामला सामने आने पर उसे रोक दिया गया है। इससे चयनित अभ्यर्थियों में नाराजगी व्याप्त है। वहीं, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज का कहना है कि शासन के निर्देशानुसार प्राचार्य व शिक्षकों का स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी करना हमारी प्राथमिकता है। इसके पूरा होते ही काउंसिलिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा।

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