आर्थिक मदद मांग रहे कैंसर पीड़ित को प्रयागराज प्रशासन के रिकार्ड में दिखा दिया मृत
11 अक्टूबर को लेखपाल एसडीएम और अधिकारियों की जांच रिपोर्ट में लिखा गया कि कैंसर पीड़ित की चार फरवरी 2020 को मृत्यु हो चुकी है। इसमें मरीज का नाम मोबाइल नंबर व संदर्भ संख्या एक ही है जबकि उसके पिता और गांव का नाम अलग दर्ज कर दिया गया है।
अमरदीप भट्ट, प्रयागराज। कैंसर से पीड़ित 65 वर्षीय एक मरीज ने इलाज के लिए मुख्यमंत्री से आर्थिक सहायता क्या मांगी, उस पर दोहरी मुसीबत ही आ गिरी। बेटे ने उप्र शासन के आइजीआरएस पोर्टल पर आर्थिक सहायता के लिए आवेदन किया, स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक जांच हुई तो उस मरीज को काफी पहले मृतक दिखाकर आवेदन ही रद कर दिया गया। जबकि दो दिनों पहले ही मरीज को कमला नेहरू मेमोरियल ट्रस्ट के कैंसर अस्पताल से दवाएं देकर घर भेजा गया है। गड़बड़ी यह हुई कि रिपोर्ट में मरीज के पिता और गांव का नाम दूसरा दर्ज हो गया।
डाटा फीडिंग में कर दी गड़बड़ी, मरीज के पिता व गांव का नाम गलत दर्ज किया
मामला फूलपुर तहसील क्षेत्र के एकडला गांव का है। यहां एक ग्रामीण को कैंसर है और उसका इलाज क्षेत्रीय कैंसर संस्थान कमला नेहरू मेमोरियल ट्रस्ट के अस्पताल में चल रहा है। करीब तीन माह पहले मरीज के बेटे ने हंडिया निवासी इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता रामचंद्र यादव के माध्यम से आइजीआरएस पोर्टल पर आनलाइन आवेदन कर मुख्यमंत्री से आर्थिक सहायता मांगी थी। मरीज के बेटे का कहना है कि पोर्टल पर सभी विवरण की फीडिंग तहसील से कराई थी। अक्टूबर माह में उसके आवेदन को रद कर दिया गया है। 11 अक्टूबर को लेखपाल, एसडीएम और इससे ऊपर के अधिकारियों की जांच रिपोर्ट में लिखा गया है कि कैंसर पीड़ित की चार फरवरी 2020 को मृत्यु हो चुकी है। इसमें मरीज का नाम, मोबाइल नंबर व संदर्भ संख्या एक ही है जबकि उसके पिता और गांव का नाम अलग दर्ज कर दिया गया है। कुछ दिनों पहले मरीज के बेटे ने तहसील में जाकर अपनी समस्या बताई तो उसे यह कहकर लौटा दिया गया कि आवेदन में संशोधन कर दिया गया है। प्रयागराज में एम्स की मुहिम चला रहे अधिवक्ता रामचंद्र यादव कहते हैं कि 1999 से अब तक वे ऐसे जरूरतमंद लोगों की मदद करते आ रहे हैं। शासन से गरीबों की मदद हो जाए तो उन्हें सुकून मिलता है। बताया कि मरीज का विवरण सही भरवाकर आवेदन किया गया था, प्रशासनिक जांच में जीवित को मुर्दा दिखा दिया गया है, इससे मरीज की आर्थिक सहायता भी रुक गई है।
पता लगाते हैं गड़बड़ी कहां हुई
ऐसा संभव है कि पोर्टल पर डाटा फीडिंग में कुछ गड़बड़ी हो गई हो। किसी और मरीज का विवरण एकडला निवासी मरीज के विवरण में दर्ज हो गया हो। इसे चेक करवा लेते हैं। आज टीईटी परीक्षा के रद हो जाने से व्यस्तता है, सोमवार को बताते हैं कि वास्तविकता क्या है।
अंबरीश कुमार बिंद, एसडीएम फूलपुर