घट स्थापित कर मां भगवती की भक्ति में हुए लीन
त्याग समर्पण साधना की प्रतीक शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापित कर लोग मां की आराधना में जुट गए हैं।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : त्याग, समर्पण, साधना की प्रतीक शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर घर-घर घट (कलश) की स्थापना के साथ मां भगवती का स्तुति पर्व आरंभ हो गयी। आठ दिवसीय नवरात्रि के प्रथम दिन मइया के शैलपुत्री स्वरूप का पूजन हुआ। सनातन धर्मावलंबियों ने वैदिक ब्राह्मणों के मंत्रोच्चार के बीच मिट्टी में जौ बोया, उसके ऊपर घट में गंगा जल, मिट्टी, पैसा डालकर ऊपर आम का पल्लव, पान, सुपाड़ी रखकर रक्षासूत्र बांधकर उसके ऊपर रखा। मां भगवती से क्षमायाचना के साथ नौ दिनों के व्रत का संकल्प लेकर दुर्गा सप्तशती का पाठ किया, जबकि कइयों के घर में ब्राह्मणों ने पाठ किया। मइया की कृपा प्राप्ति को कुछ भक्तों ने अखंड ज्योति जलाई है। वहीं, देवी मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटी। मइया के दरबार में मत्था टेककर उन्हें नारियल-चुनरी अर्पित करके भक्तों ने आशीष मांगा। नवरात्रि के प्रथम दिन गुरुवार की भोर से संगम, गंगा व यमुना के पवित्र जल में स्नान का सिलसिला आरंभ हो गया। हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान-ध्यान के बाद घाट पर पूजन किया। गंगा में स्नान करने वाले लोगों ने वहां का जल भी घर लाए। घर में नवरात्रि व्रत का संकल्प लेकर पूजन किया। भक्तों ने मां भगवती से स्वयं के अंदर व्याप्त काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार जैसे शत्रुओं को नष्ट करने की कामना की। मइया से वैभव, यश-कीर्ति प्रदान करने की प्रार्थना किया। नवरात्र के दूसरे दिन शुक्रवार को मां भगवती के ब्रह्मचारिणी स्वरूप का पूजन होगा। स्वरूप के अनुरूप मां का श्रृंगार करके पूजन किया जाएगा। ----- देवी मंदिरों में जली अखंड ज्योति नवरात्रि आरंभ होने पर देवी मंदिरों में जनकल्याण के लिए अखंड ज्योति जलाकर शतचंडी यज्ञ कराया जा रहा है। मां ललिता देवी मंदिर में मंदिर समिति के अध्यक्ष हरिमोहन वर्मा व महामंत्री धीरज नागर के नेतृत्व में विधि-विधान से पूजन करके यज्ञ का आरंभ हुआ। मां कल्याणीदेवी मंदिर में श्याम जी पाठक के संयोजन में मइया के शैलपुत्री स्वरूप का श्रृंगार करके शतचंडी यज्ञ शुरू किया गया। मां खेमा माई मंदिर, मां कालीबाड़ी सहित हर देवी मंदिर में अखंड ज्योति जलाकर पूजन किया जा रहा है।