Suspend: छात्रा से बदसलूकी करने वाले शिक्षक को प्रतापगढ़ के बीएसए ने कर दिया निलंबित
जांच रिपोर्ट मिलने के बाद बीएसए सुधीर कुमार सिंह ने शिक्षक अखिलेश कुमार सोनी को निलंबित करते हुए उसे बीईओ कार्यालय गौरा से संबद्ध कर दिया। साथ ही पूरे प्रकरण की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित कर दी गई।
प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। शिक्षक द्वारा छात्रा से अभद्रता करना महंगा पड़ गया। छात्रा के अभिभावक व ग्राम प्रधान की शिकायत पर जांच कराने के बाद बीएसए ने शिक्षक को निलंबित कर दिया। साथ ही जांच के लिए दो सदस्यीय खंड शिक्षा अधिकारियों की टीम गठित की है।
कक्षा दो की छात्रा से शारीरिक दुर्व्यवहार किया था
विकास खंड कुंडा के मोहद्दीनगर इंदा का पुरवा गांव स्थित प्राथमिक पाठशाला में गांव की ही कक्षा दो की एक छात्रा से सहायक अध्यापक अखिलेश कुमार सोनी द्वारा गलत इरादे से शारीरिक दुर्व्यवहार किया गया था। इसकी शिकायत छात्रा ने अपने स्वजनों से की तो उन्होंने ग्राम प्रधान के साथ मामले की शिकायत बीएसए से की। बीएसए ने इसकी जांच बीईओ कुंडा से कराई तो मामला सही पाया गया। बीईओ ने जांच रिपोर्ट बीएसए को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद बीएसए सुधीर कुमार सिंह ने शिक्षक अखिलेश कुमार सोनी को निलंबित करते हुए उसे बीईओ कार्यालय गौरा से संबद्ध कर दिया। साथ ही पूरे प्रकरण की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित कर दी गई। इसमें बीईओ गौरा विमलेश कुमार त्रिपाठी व बीईओ मानधाता आशीष कुमार पांडेय शामिल हैं।
गुफ्तगू संस्था ने धीरज जन्मोत्सव-2021 का किया आयोजन
जमादार धीरज की रचनाएं बेहद गंभीर, प्रासंगिक और समय से वार्तालाप करते हुए हैं। इनकी रचनाओं पर विश्वविद्यालयों के माध्यम से शोध कराया जाना चाहिए। यह बातें इलाहाबाद दूरदर्शन केंद्र के पूर्व निदेशक वरिष्ठ साहित्यकार श्याम विद्यार्थी ने राजरूपपुर स्थित डा. अंबेडकर मार्ग पर गुफ्तगू संस्था द्वारा आयोजित 'जमादार धीरज जन्मोत्सव-2021 में कही।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विद्यार्थी ने आगे कहा कि धीरज के निधन के बाद भी उनकी रचनाओं को कालजयी बनाने का काम करना प्रेरणादायी है। गुफ्तगू के अध्यक्ष इम्तियाज अहमद गाजी ने कहा कि जमादार धीरज की रचनाएं बेहद खास और हमारे के समय लिए प्रासंगिक है, इनकी कविताओं को पाठ्यक्रम में शामिल कराने का प्रयास करना चाहिए। पूर्व अपर महाधिवक्ता कमरुल हसन सिद्दीकी ने कहा कि आज के दौर में जिस तरह से जमादार धीरज को याद किया जा रहा है, यह बहुत बड़ी बात है। कवयित्री अंकिता सिन्हा ने कहा निराला, फिराक, महादेवी, पंत और अकबर इलाहाबादी की सरजमीन पर आकर बेहद फख्र महसूस कर रही हूं। जिस तरह से जमादार धीरज को याद किया जा रहा है, वह प्रयागराज जैसे साहित्यिक नगरी में ही हो सकता है। कार्यक्रम में नजर कानपुरी (लखनऊ), मासूम रजा राशदी (गाजीपुर), गोपीकृष्ण श्रीवास्तव (प्रयागराज), विजय लक्ष्मी विभा (प्रयागराज) और प्रभाशंकर शर्मा (प्रयागराज) को धीरज सम्मान से सम्मानित किया गया। संचालन मनमोहन सिंह तन्हा ने किया। इस दौरान लाल सरन, गोपाल सिंह, तलब जौनपुरी, मधुबाला गौतम, अशोक कुमार, शीला सरन, अंजनी कुमार आदि ने विचार व्यक्त किए।