प्रतापगढ़ में बिजली की रोशनी से वंचित गांवों में कुछ माह में छाएगा उजियारा
प्रतापगढ़ में वंचित गांवों में बिजली के खंभे लगाकर लोगों को कनेक्शन देने की तैयारी की जा रही है। मांधाता से लेकर कुंडा ब्लॉक तक के लोग आजादी के इतने दिनों बाद भी अब तक रोशनी से वंचित रहे। कई जगह तो इसके लिए ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन भी किया।
प्रयागराज, जेएनएन। राजे रजवाड़ों के जिले प्रतापगढ़ में विकास की योजनाएं पात्रों तक कैसे पहुंच रही हैं इसकी बानगी देखनी हो तो कहीं और जाने की जरूरत नहीं बल्कि बिजली विभाग के कामकाज में देखा जा सकता है। एक हकीकत यहां के विकास की यह भी है कि विद्युतीकरण की तमाम योजनाओं के चलने के बाद भी बिजली की रोशनी से सैकड़ों गांव वंचित रह गए। अब इन गांवों की तस्वीर बदलेगी और वहां बिजली की रोशनी पहुंचेगी।
एक हजार से अधिक गांव में पहुंचेगी बिजली
सौभाग्य विद्युतीकरण योजना से छूटे हुए जनपद के करीब एक हजार से अधिक मजरों में बिजली की रोशनी पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी गई है। करीब पांच साल पहले सौभाग्य योजना और दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत जनपद के 12041 गांव के 3200 मजरों का चयन किया गया था। योजना से जुड़े अधिकारियों और एजेंसी ने इन गांवों में आधा अधूरा काम कराया। कहीं पर केवल खंभा ही लगाया। ट्रांसफार्मर नहीं लगाया। कहीं ट्रांसफार्मर लगाया तो कनेक्शन दिया ही नहीं। अंधेरे का दंश झेल रहे ऐसे गांवों और मजरों को छोड़कर योजना से जनपद को संतृप्त घोषित किए जाने के खिलाफ आवाज उठने पर विभाग की किरकिरी होने पर अब फिर से विभाग काम शुरू करेगा।
ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन भी किया
वंचित गांवों में बिजली के खंभे लगाकर लोगों को कनेक्शन देने की तैयारी की जा रही है। मांधाता से लेकर कुंडा ब्लॉक तक के लोग आजादी के इतने दिनों बाद भी अब तक रोशनी से वंचित रहे। कई जगह तो इसके लिए ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन भी किया। अधिशासी अभियंता चंद्रमा प्रसाद का कहना है कि छूटे हुए गांवों में बिजली पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है। मार्च तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।